प्रशासकों की समिति ने तमिलनाडु प्रीमियर लीग में दूसरे राज्यों के खिलाड़ियों के खेलने पर लगाई रोक

सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित प्रशासकों की समिति (सीओए) ने तमिलनाडु प्रीमियर लीग के तीसरे सीजन में दूसरे राज्यों के खिलाड़ियों के खेलने के फैसले पर रोक लगा दी है। सीओए ने कहा कि बीसीसीआई के नियम इस बात की इजाजत नहीं देते हैं। तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन (टीएनसीए ) को भेजे गए अपने मेल में सीओए ने कहा कि बीसीसीआई के नियम के मुताबिक किसी दूसरे क्रिकेट संगठन द्वारा आयोजित टूर्नामेंट में बाहरी राज्य का खिलाड़ी हिस्सा नहीं ले सकता है। सीईओ ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर टीएनसीए नियमों के खिलाफ जाकर दूसरे राज्यों के खिलाड़ियों को इस लीग में हिस्सा लेने की इजाजत देता है तो टूर्नामेंट को अनाधिकृत भी घोषित किया जा सकता है। प्रशासकों की समिति ने ये भी कहा कि इस लीग में खेलने के लिए उन्मुक्त चंद और हनुमा विहारी जैसे खिलाड़ियों को जो एनओसी मिले हैं उन्हें तुरंत वापस लिया जाए। सीओए के इस फैसले के बाद सोमवार को टीएनसीए की गर्वनिंग काउंसिल की मीटिंग होगी जिसमें फैसला लिया जाएगा कि आगे क्या करना है। गौरतलब है इससे पहले बीसीसीआई ने टीएनपीएल में दूसरे राज्यों के खिलाड़ियों को शामिल करने की इजाजत दे दी थी लेकिन अब सीओए ने इस पर अड़ंगा डाल दिया है। 22 जून को हुई बीसीसीआई की स्पेशल जनरल मीटिंग में फैसला लिया गया था कि जो खिलाड़ी आईपीएल का बहुत कम हिस्सा रहे हैं उन्हें दूसरे राज्यों के टी20 लीग में खेलने की अनुमति चाहिए। टीएनपीएल की 8 टीमें 2-2 बाहर के खिलाड़ियों को अपनी टीम में शामिल कर सकती थी। दूसरे राज्यों के वही खिलाड़ी इस लीग में हिस्सा ले सकते थे जो आईपीएल के 11वें सीजन का हिस्सा नहीं रहे हों और अनकैप्ड खिलाड़ी हों। 11 जुलाई से शुरु होने वाले इस टूर्नामेंट में कुल मिलाकर 16 दूसरे राज्यों के खिलाड़ी हिस्सा लेने वाले थे। देखना है कि आगे टीएनसीए क्या फैसला लेती है।

Edited by Staff Editor
App download animated image Get the free App now