भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और दिग्गज बल्लेबाज राहुल द्रविड़ को कोचिंग का ऑफर मिला था। उन्हें भारतीय टीम के कोच पद का ऑफर दिया गया था लेकिन फैमिली को ज्यादा टाइम देने की बात कहकर उन्होंने ये ऑफर लेने से इंकार कर दिया था। ये खुलासा सीओए के पूर्व चेयरमैन विनोद राय ने किया है।
स्पोर्ट्सकीड़ा के साथ फेसबुक पर लाइव चैट के दौरान विनोद राय ने राहुल द्रविड़ को लेकर अहम बातें बताई। उन्होंने कहा कि सीओए चाहता था कि राहुल द्रविड़ भारतीय टीम के मुख्य कोच बनें लेकिन उन्होंने अपने परिवार का हवाला देकर इससे इंकार कर दिया था।
राहुल द्रविड़ ने हमें सब कुछ साफ-साफ बता दिया था। उन्होंने कहा कि देखो मेरे दो बच्चे हैं जो बड़े हो रहे हैं। अगर मैं भारतीय टीम का कोच बना तो फिर मुझे टीम के साथ पूरी दुनिया में घूमना पड़ेगा। उसकी वजह से फिर मैं अपने बच्चों के ऊपर ध्यान नहीं दे पाउंगा, इसलिए मेरे हिसाब से मुझे घर पर ही रहना चाहिए और अपने परिवार को समय देना चाहिए। मेरे हिसाब से राहुल द्रविड़ ने जो कहा था वो जायज भी था।
विनोद राय ने कहा कि राहुल द्रविड़ को जब नेशनल क्रिकेट एकेडमी (एनसीए) की कोचिंग का ऑफर दिया गया तो उन्होंने इसे विनम्रता से स्वीकार कर लिया।
राहुल द्रविड़ इस वक्त एनसीए के हेड कोच हैं। जब उन्हें ये रोल दिया गया तो उन्होंने बड़ी ही विनम्रता से इसे स्वीकार कर लिया और इसको लेकर वो पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। मैं राहुल द्रविड़ का फैन हूं। वो काफी जमीन से जुड़े हुए आदमी हैं।
राहुल द्रविड़ जूनियर टीम के साथ ही काम करना चाहते थे
विनोद राय ने बताया कि कैसे राहुल द्रविड़ जूनियर टीम के साथ ही काम करना चाहते थे और उन्होंने किस तरह से जूनियर टीम की दिशा और दशा ही बदल दी।
कोचिंग के मामले में रवि शास्त्री, अनिल कुंबले और राहुल द्रविड़ तीनों ही काफी शानदार हैं। हमने राहुल द्रविड़ से भारतीय टीम की कोचिंग को लेकर बात की थी लेकिन उस वक्त वो जूनियर टीम के साथ बिजी थे। उन्होंने एक रोडमैप तैयार कर लिया था कि टीम को कैसे आगे ले जाना है। वो काफी बेहतरीन काम कर रहे थे। वो जूनियर टीम के साथ ही उस वक्त काम करना चाहते थे, क्योंकि उन्हें लगता था कि अभी भी कुछ चीजें सुधारनी रह गई हैं और वे उसे पूरा करना चाहते थे।
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