ऑस्ट्रेलियाई कप्तान टिम पेन ने स्वीकार किया है कि मौजूदा भारतीय गेंदबाज़ी आक्रमण दुनिया में सबसे बेहतरीन है और भारतीय गेंदबाज़ों का उनके बल्लेबाज़ों पर हावी होना भारत की टेस्ट सीरीज़ में जीत का मुख्य कारण बना।
चौथे और अंतिम टेस्ट मैच के ड्रा होने पर भारत के 2-1 से टेस्ट सीरीज़ जीतने के बाद पेन ने कहा, "यह (भारतीय गेंदबाज़ी आक्रमण) पूरी सीरीज़ में बेहतरीन रहा। तीनों तेज गेंदबाजों ने अच्छी गति, लाइन और लेंथ के साथ गेंदबाजी की और दबाव में भी शानदार गेंदबाज़ी की।' उन्होंने कहा, "इतने बढ़िया गेंदबाज़ी आक्रमण के सामने बल्लेबाज़ी करना सचमुच में बहुत मुश्किल था। मार्कस (हैरिस) और ट्रैविस (हेड) ने दुनिया में सबसे अच्छे गेंदबाज़ी आक्रमण के खिलाफ रन बनाऐ , जो कि हमारे लिए एक सकारात्मक बात है।"
आपको बता दें भारत ने एडिलेड और मेलबर्न में पहला और तीसरा टेस्ट जीता जबकि ऑस्ट्रेलिया पर्थ में खेले गए दूसरे टेस्ट में विजयी रहा। चौथे टेस्ट मैच का समापन पांचवें दिन खराब मौसम के कारण मैच ड्रा होने के साथ हुआ।
पेन ने कहा कि एडिलेड टेस्ट उनके पक्ष में भी जा सकता था लेकिन भारत ने इस सीरीज़ में अहम मौकों पर अच्छा प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा, "हम यह मानते है कि एडिलेड टेस्ट को हमने हाथ से जाने दिया। हमने उस टेस्ट के दौरान कई अहम मौकों पर अच्छा प्रदर्शन नहीं किया जबकि भारत ने मौके का पूरा फायदा उठाया। अब जब हम पीछे देखते हैं तो यह महसूस करते है कि अगर हमने वह टेस्ट जीता होता, पर्थ में भी हम जीतते और मेलबोर्न टेस्ट ड्रॉ रहता तो यह सीरीज़ 2-1 से हमारे नाम हो सकती थी।"
ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने कहा कि वह वास्तव में इस टेस्ट सीरीज़ की हार से बहुत निराश हैं और उनकी टीम को स्टीव स्मिथ और डेविड वार्नर की कमी महसूस हुई। उन्होंने कहा, "सीरीज़ के शुरू होने के बाद हमें पूरा भरोसा था कि हम भारत को हरा सकते हैं। लेकिन पूरी सीरीज़ में जब भी अहम मौके आये, विराट और पुजारा ने रन बनाए और बुमराह ने शानदार गेंदबाजी की। हमने उन महत्वपूर्ण क्षणों को हाथ से जाने दिया। यही कारण था कि हम इस टेस्ट सीरीज़ में जीत नहीं सके।
"जब भी वे मुश्किल स्थिति में होते, उनके सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी अपने शानदार प्रदर्शन के दम पर दोबारा उन्हें मैच में वापस ले आते और जब भी हम दोनों टीमों के पास जीतने का बराबर मौका होता, उन्होंने हमें बैक-फुट पर धकेला। ऐसा हमने मेलबोर्न और सिडनी टेस्ट में देखा। इससे हमें सीख लेने की ज़रूरत है।"
गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया के किसी भी बल्लेबाज़ ने पूरी सीरीज़ में एक भी शतक नहीं लगाया। इस पर पेन ने कहा कि उस्मान ख्वाजा और शॉन मार्श जैसे वरिष्ठ बल्लेबाजों ने अपनी क्षमता के अनुरूप प्रदर्शन नहीं किया हालाँकि, इन दोनों को हार का ज़िम्मेदार ठहराया जाना उचित नहीं है।
उन्होंने कहा, "मुझे नहीं लगता कि सिर्फ इन दो बल्लेबाज़ों को हार का दोषी ठहराना उचित है, हमारे शीर्ष सात बल्लेबाज़ों में कोई भी उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर सका। ट्रैविस हमारे प्रमुख रन-स्कोरर थे और मार्कस ने अधिकांश पारियों में दिखाया कि वह लंबी पारी खेल सकते हैं। यह हमारे लिए इस सीरीज़ के कुछ सकारात्मकता पहलु हैं। हममें से किसी ने भी पर्याप्त रन नहीं बनाए। इसलिए ख्वाजा और मार्श को दोष देना सही नहीं होगा। एक टीम के रूप में हमें अपनी गल्तियों को सुधार कर आगे बढ़ना होगा।"
इंग्लैंड में होने वाले विश्व कप से पहले ऑस्ट्रेलिया को श्रीलंका के साथ एक टेस्ट सीरीज़ खेलनी है। पेन ने कहा कि उनके गेंदबाजी संयोजन में किसी बदलाव की जरूरत नहीं थी, लेकिन भारतीय टीम ने जिस तरह से परिस्थितियों के अनुसार अपने आप को ढाला है उससे वह काफी प्रभावित हुए हैं।
उन्होंने कहा, "सभी गेंदबाज पूरी तरह से फिट हैं। हमारे गेंदबाजों ने कई बार अच्छी गेंदबाजी की लेकिन कई बार वे ऐसा नहीं कर पाए। भारतीय बल्लेबाजों के हावी होने के कारण वे दबाव में अच्छी गेंदबाज़ी नहीं कर पाए। लेकिन फिर भी हमारे पास बेहतरीन गेंदबाज़ी आक्रमण है और वे वापसी करने में सक्षम हैं। "
पेन ने आगे कहा, "इस टेस्ट सीरीज़ में यह हमारा आदर्श गेंदबाज़ी संयोजन था और हमने इसे बदलने की ज़रूरत महसूस नहीं की। लेकिन अच्छे नतीजों के लिए कभी-कभी टीम में कुछ बदलाव भी ज़रूरी हैं। भारत ने इस काम को बखूबी किया है। उनका गेंदबाज़ी संयोजन हमेशा बेहतरीन था।"
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