क्रिकेट जगत में कुछ चीजों को लेकर अक्सर खेल भावना और नियम के पालन के बीच बहस देखने को मिलती है। इसका ताजा उदाहरण हमने हाल ही बांग्लादेश और श्रीलंका के बीच मुकाबले में देखा था, जब एंजेलो मैथ्यूज (Angelo Mathews) के खिलाफ बांग्लादेश के कप्तान शाकिब अल हसन ने टाइम आउट की अपील की और श्रीलंकाई बल्लेबाज को अपना विकेट गंवाना पड़ा था। इसको लेकर शाकिब की काफी आलोचना भी हुई थी और उनकी खेल भावना पर भी सवाल उठे थे। हालाँकि, भारत के हेड कोच राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) का मानना है कि लोगों के सोचने का तरीका अलग हो सकता है लेकिन नियमों के अंतर्गत आउट करने को आप गलत नहीं ठहरा सकते।
दरअसल, 6 नवंबर को बांग्लादेश के खिलाफ श्रीलंका की पारी के दौरान विकेट गिरने के बाद एंजेलो मैथ्यूज क्रीज पर आये लेकिन जब वह गेंद का सामना करने के लिए तैयार हो रहे थे, तभी उनके हेलमेट की पट्टी टूट गई और उन्होंने डगआउट से दूसरा हेलमेट मंगाया। इन सब के बीच शाकिब अल हसन ने अंपायर से टाइम आउट की अपील कर दी और मैथ्यूज को आउट दे दिया गया। वह इस तरह से आउट होने वाले पहले अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी बने। इसके बाद से ही खेल भावना को लेकर सवाल उठे थे और मैथ्यूज ने भी विपक्षी कप्तान पर नाराजगी जताई थी।
हर कोई अलग सोच सकता है - राहुल द्रविड़
नीदरलैंड्स के खिलाफ 12 नवंबर को मुकाबले से पहले हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय हेड कोच से खेल भावना बनाम नियम की बहस को लेकर सवाल किया गया। इसके जवाब में राहुल द्रविड़ ने कहा,
हर कोई अलग तरह से सोचता है। हम सभी अलग हैं और हमारे पास अपने मन और विचार हैं। कोई वास्तविक सही और गलत नहीं है। उन मतभेदों का होना ठीक है। जब कोई नियम का इस तरह प्रयोग करता है, तो मुझे नहीं लगता कि आप इसके बारे में शिकायत कर सकते हैं क्योंकि, ईमानदारी से वह सिर्फ नियमों का पालन कर रहा है। आप खुद ऐसा नहीं करें लेकिन आप इसका पालन करने के लिए किसी को दोष नहीं दे सकते।