पूर्व भारतीय विकेटकीपर दीप दासगुप्ता (Deep Dasgupta) श्रीलंका (Sri Lanka) के पूर्व कप्तान अर्जुन रणतुंगा के उस बयान से सहमत नहीं नजर आये, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारतीय बोर्ड ने श्रीलंका दौरे के लिए अपनी दूसरी दर्जे की टीम भेजी है। विश्व कप विजेता कप्तान ने कहा कि यह श्रीलंकाई क्रिकेट का अपमान है कि एक दूसरे दर्जे टीम की ओर से उनका दौरा किया जाएगा जबकि शीर्ष भारतीय खिलाड़ी इंग्लैंड में हैं। हालांकि श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड भी अपने दिग्गज के इस बयान से असहमत दिखा था और उन्होंने भी कहा था कि भारत के स्क्वॉड में मौजूद कई खिलाड़ी प्रमुख टीम का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
भारत के पूर्व खिलाड़ी और मौजूदा समय में कमेंटेटर की भूमिका निभाने वाले दीप दासगुप्ता ने अर्जुन रणतुंगा के इस दावे को गलत बताया। उन्होंने कहा कि वह श्रीलंका के पूर्व दिग्गज का सम्मान करते हैं लेकिन उनकी टिप्पणी उचित नहीं है। दीप ने बताया कि वह समझते हैं कि ज्यादातर शीर्ष खिलाड़ी इंग्लैंड में हैं, लेकिन श्रीलंका जाने वाले ज्यादातर खिलाड़ी कैप्ड खिलाड़ी हैं।
अपने यूट्यूब चैनल पर दीप दासगुप्ता ने इस बारे में बात करते हुए कहा कि यह विशेष बयान उचित नहीं है। मैं समझता हूं कि हमारे कुछ टॉप खिलाड़ी जैसे विराट, रोहित, बुमराह और पंत वहीं नहीं हैं। लेकिन अगर आप उन्हें समीकरण से बाहर ले जाते हैं तो आप देखते हैं कि श्रीलंका में ज्यादातर खिलाड़ी कैप्ड खिलाड़ी हैं। कल्पना के किसी भी खिंचाव से मैं इसे 'बी' पक्ष नहीं कहूंगा।
अर्जुन रणतुंगा को श्रीलंका क्रिकेट पर ध्यान देना चाहिए - दीप दासगुप्ता
दीप दासगुप्ता ने अर्जुन रणतुंगा के लिए अपने मन में सम्मान स्वीकारते हुए उन्हें श्रीलंका क्रिकेट पर ध्यान देने की सलाह दी है। श्रीलंका क्रिकेट का हाल काफी समय से खराब चल रहा है। टीम का प्रदर्शन भी खराब हो रहा है, वहीं खिलाड़ियों और बोर्ड के बीच अनुबंध को लेकर विवाद भी जारी है।
दीप दासगुप्ता ने कहा कि मैं अर्जुन रणतुंगा का बहुत सम्मान करता हूं। मुझे लगता है कि वह उन सर्वश्रेष्ठ कप्तानों में से एक हैं जिन्हें मैंने कभी देखा है। उन्होंने श्रीलंकाई क्रिकेट को बड़ी ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। लेकिन अब समय आ गया है कि अर्जुन रणतुंगा को श्रीलंका क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए क्योंकि इससे विश्व क्रिकेट को मदद मिलेगी। जिस तरह से श्रीलंका पिछले कुछ वर्षों से खेल रहा है, उससे विश्व क्रिकेट को कोई मदद नहीं मिलती। एक मजबूत श्रीलंकाई टीम विश्व क्रिकेट में मदद करेगी।