बांग्लादेश (Bangladesh) की टीम को आईसीसी (ICC) से टेस्ट दर्जा काफी पहले मिल गया था लेकिन आईपीएल में उनके गिने-चुने खिलाड़ी ही नजर आते हैं। फ्रेंचाइजी भी बांग्लादेशी खिलाड़ियों को खरीदने में कम ही दिलचस्पी दिखाती हैं। इसको लेकर पूर्व भारतीय खिलाड़ी दीप दासगुप्ता ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि बांग्लादेश के खिलाड़ियों को विदेशी लीगों में भाग लेना चाहिए ताकि आईपीएल के लिए उनके ऊपर नजर पड़ सके।
अपने यूट्यूब चैनल पर एक फैन के सवाल का जवाब देते हुए दीप दासगुप्ता ने कहा कि आईपीएल की अधिकांश टीमें अंतरराष्ट्रीय सर्किट के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों या दुनिया भर में फ्रेंचाइजी लीग टूर्नामेंट में नियमित रूप से खेलने वाले खिलाड़ियों की तलाश करती हैं। बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों में केवल शाकिब और मुस्ताफ़िज़ुर ही ऐसे हैं जिन्हें अन्य टी20 लीग में डील मिली है। महमुदुल्लाह और लिटन दास ने भी कुछ लीगों में भाग लिया है लेकिन नियमित रूप से नहीं।
दासगुप्ता का मतलब साफ़ है कि विश्व भर की अन्य टी20 लीगों में खेलने पर ही आईपीएल नीलामी में बांग्लादेशी खिलाड़ी सामने आ सकते हैं। आईपीएल में कई खिलाड़ी ऐसे भी आए हैं जो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में नहीं खेले लेकिन फ्रेंचाइजी क्रिकेट में बेहतर खेल के बाद उनको अनुबंध हासिल हो गया। अफगानिस्तान के खिलाड़ी कई विदेशी लीगों में जाकर खेलते हैं और उन्हें आईपीएल का अनुबंध भी मिला है। बांग्लादेश की तुलना में अफगानिस्तान के ज्यादा खिलाड़ी आईपीएल में खेलते हैं।
प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को आईपीएल में जगह जल्दी मिल जाती है। टीमें भी तलाश में रहती है कि वर्ल्ड क्रिकेट में टी20 प्रारूप में कौन सा खिलाड़ी बेहतर खेल रहा है। उनके लिए बोली लगती है और फिर आईपीएल में शामिल किया जाता है। बांग्लादेश के खिलाड़ियों के लिए शायद आईपीएल में बोली इसलिए नहीं लगती क्योंकि उनके खिलाड़ियों ने टी20 क्रिकेट में वह धुआंधार खेल नहीं दिखाया है और अलग-अलग देशों की लीगों में भी उनकी हिस्सेदारी कम है। दीप दासगुप्ता ने भी यही समझाने का प्रयास किया है कि बांग्लादेश के खिलाड़ी और लीगों में आगे आएँगे तो आईपीएल में खेलने के आसार बढ़ेंगे।