हाल ही में श्रीलंका ने सीमित ओवरों के फॉर्मेट के लिए नए कप्तानों के नामों की घोषणा की थी और अब टेस्ट कप्तानी में भी बदलाव देखने को मिलने वाला है। श्रीलंका के चीफ सिलेक्टर उपुल थरंगा ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान टेस्ट फॉर्मेट में कप्तानी के बदलाव की पुष्टि की और बताया कि नए कप्तान के रूप में धनंजय डी सिल्वा (Dhananjaya de Silva) नजर आएंगे और दिमुथ करुणारत्ने (Dimuth Karunaratne) को रिप्लेस करेंगे। डी सिल्वा के रूप में श्रीलंका को अपना 18वां टेस्ट कप्तान मिलेगा।
दिमुथ करुणारत्ने ने साल 2019 में श्रीलंका की टेस्ट कमान संभाली थी और टीम की तरफ से सबसे ज्यादा मैचों में कप्तानी करने के मामले में पांचवें स्थान पर हैं। उन्होंने अपने कप्तानी करियर में श्रीलंका की 30 टेस्ट मैचों में कप्तानी की, जिसमें टीम को 12 मुकाबलों में जीत और इतने में ही हार का सामना करना पड़ा, जबकि 6 मुकाबले ड्रॉ रहे। उनकी अगुवाई में टीम की सबसे यादगार सीरीज जीत दक्षिण अफ्रीका दौरे पर आई थी, जो बतौर कप्तान उनकी पहली सीरीज भी थी।
बाएं हाथ के खिलाड़ी ने कप्तानी का जमकर लुत्फ़ उठाया और इसका सकारात्मक असर उनकी बल्लेबाजी में भी देखने को मिला, क्योंकि कप्तान रहते हुए उनका बल्लेबाजी औसत करियर औसत से बेहतर रहा। करुणारत्ने ने अपने कप्तानी करियर के 30 मैचों में 49.86 की औसत से 2643 रन बनाये। इस दौरान उनके बल्ले से आठ शतक और 12 अर्धशतक भी आये। कप्तान के रूप में दिमुथ करुणारत्ने की आखिरी सीरीज पाकिस्तान के खिलाफ घरेलू सरजमीं पर रही, जिसमें पाकिस्तान ने श्रीलंका को 2-0 से हराया था।
वहीं, धनंजय डी सिल्वा की बात करें, तो वह काफी समय टेस्ट टीम के नियमित सदस्य बने हुए हैं और ऑलराउंडर के रूप में अपनी खास जगह बना रखी है। 32 वर्षीय खिलाड़ी के नाम 51 टेस्ट में 3301 रन और 34 विकेट दर्ज हैं। टेस्ट कप्तान के रूप में डी सिल्वा की पहली चुनौती 6 फरवरी से अफगानिस्तान के खिलाफ होने वाला एकमात्र टेस्ट मुकाबला होगा।