"हर प्लेयर को हर फॉर्मेट में खेलना चाहिए, वो ये नहीं कह सकते कि मैं सिर्फ एक फॉर्मेट का बेहतर प्लेयर हूं"

दिलीप वेंगसरकर
दिलीप वेंगसरकर

टीम इंडिया के पूर्व कप्तान दिलीप वेंगसरकर (Dilip Vengsarkar) ने एक बड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि सभी क्रिकेटरों को हर फॉर्मेट में खेलना चाहिए। उनके मुताबिक टेस्ट स्पेशलिस्ट या वनडे स्पेशलिस्ट का कोई कॉन्सेप्ट ही नहीं है।

दरअसल हाल के सालों में बहुत सारे खिलाड़ियों ने अपने आपको केवल एक फॉर्मेट तक ही सीमित कर लिया है। कोई खिलाड़ी अगर टेस्ट खेलता है तो फिर वो वनडे और टी20 नहीं खेलता है। वहीं ज्यादातर प्लेयर ऐसे हैं जो टी20 और वनडे तो खेलते हैं लेकिन टेस्ट क्रिकेट नहीं खेलना चाहते हैं।

दिलीप वेंगसरकर का कहना है कि कोई क्रिकेटर ये नहीं कह सकता है कि वो इस फॉर्मेट का स्पेशलिस्ट है और केवल एक ही फॉर्मेट खेलेगा। हिंदुस्तान टाइम्स पर बातचीत के दौरान उनसे पूछा गया था कि क्या पृथ्वी शॉ को सिर्फ सफेद गेंद की क्रिकेट में ही खिलाया जाना चाहिए। इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा,

मैं इस रेड बॉल और व्हाइट बॉल के कॉन्सेप्ट को नहीं मानता हूं। जो भी मैच हों आपको उसमें खेलना चाहिए। मुझे नहीं लगता है कि अगर कोई लाल गेंद की क्रिकेट में अच्छा खेलता है तो वो सफेद गेंद की क्रिकेट में खराब खेलेगा। हर प्लेयर को हर फॉर्मेट में खेलना चाहिए। आप ये नहीं कह सकते कि मैं सिर्फ इसी फॉर्मेट में बेहतर हूं और इसीलिए सिर्फ इसमें ही खेलूंगा। किसी भी क्रिकेटर को अपने ऊपर ये स्टांप नहीं लगाना चाहिए कि वो सिर्फ एक फॉर्मेट का खिलाड़ी है। टेस्ट क्रिकेट इस गेम का सबसे अहम फॉर्मेट है। वनडे और टी20 भी उतने ही अहम हैं लेकिन बीसीसीआई और आईसीसी को ये ध्यान में रखना चाहिए कि टेस्ट क्रिकेट का महत्व ज्यादा से ज्यादा बढ़े।

राहुल द्रविड़ को लेकर भी दिलीप वेंगसरकर ने दिया बयान

Photo Credit - BCCI
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दिलीप वेंगसरकर ने इस बात पर भी खुशी जताई कि राहुल द्रविड़ को युवा भारतीय टीम के साथ श्रीलंका दौरे पर भेजा गया है। उन्होंने कहा,

राहुल द्रविड़ काफी समय से एनसीए का हिस्सा हैं और उन्हें हर प्लेयर के बारे में अच्छी तरह से जानकारी है। कई सारे खिलाड़ियों ने उनके अंडर में ट्रेनिंग की है। ये काफी अच्छी बात है कि वो श्रीलंका टूर पर हैं।

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Edited by सावन गुप्ता