भारतीय क्रिकेटर दिनेश मोंगिया ने लगभग 12 साल पहले अपना आखिरी वनडे मैच खेलने के बाद अब क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। उन्होंने 42 साल की उम्र में क्रिकेट के हर प्रारूप से संन्यास लेने का ऐलान किया है। दिनेश मोंगिया ने भारत की ओर से अपना अंतिम वनडे मैच 2007 में ढाका में खेला था। हालांकि इसके बाद विद्रोही इंडियन क्रिकेट लीग में शामिल होने को लेकर बीसीसीआई ने उन पर बैन लगा दिया था।
वहीं आईसीएल में शामिल होने वाले अन्य सभी खिलाड़ियों को बीसीसीआई की ओर से बाद में क्लीन चिट मिल गई थी लेकिन दिनेश मोंगिया एकमात्र ऐसे खिलाड़ी रहे, जिन्हें मैच फिक्सिंग में संलिप्त होने के कारण बीसीसीआई की ओर से दोबारा क्रिकेट खेलने की मंजूरी नहीं मिली। हालांकि दिनेश मोंगिया ने आईसीएल में भ्रष्टाचार के आरोप में खुद के शामिल होने से इंकार किया था।
बाएं हाथ के शीर्ष क्रम के बल्लेबाज रहे दिनेश मोंगिया ने उस समय सभी को हैरान किया था, जब 2003 के आईसीसी विश्वकप के लिए चुनी गई भारतीय टीम में उन्हें वीवीएस लक्ष्मण की जगह चुना गया था। उस टूर्नामेंट में भारतीय टीम ने फाइनल तक का सफर तय किया था। हालांकि भारतीय टीम फाइनल मुकाबला नहीं जीत सकी थी।
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दिनेश मोंगिया ने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत 2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे मैच से की थी। इसके साथ ही उन्होंने अपने करियर में कुल 57 वनडे मैच खेले हैं और उसमें 27.9 की औसत और 71.5 की स्ट्राइक रेट के साथ कुल 1230 रन बनाए हैं। इसमें मोंगिया की 2002 में जिम्बाब्वे के खिलाफ खेली गई नाबाद 159 रनों की सर्वोच्च पारी भी शामिल है। इसके साथ ही उन्होंने गेंदबाजी में भी हाथ आजमाते हुए 14 विकेट भी अपने नाम किए हैं। साथ ही मोंगिया ने एकमात्र टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैच भी खेला है और फर्स्ट क्लास क्रिकेट में भी इस खिलाड़ी ने 121 मैचों में 8028 रन बनाए हैं।
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