Frank Duckworth Dies at age 84: मौजूदा समय में टी20 वर्ल्ड कप का नौवां संस्करण खेला जा रहा है, जिसमें फैंस रोमांचक मैचों का पूरा लुत्फ उठा रहा हैं। इसी बीच फैंस के लिए एक बुरी खबर भी सामने आई है। दरअसल, दिग्गज स्टेटिशियन फ्रैंक डकवर्थ के निधन की खबर सामने आई है। बेहद कम ही लोगों को पता होगा कि फ्रैंक डकवर्थ का क्रिकेट जगत को DLS नियम का नियम देने वालों लोगों में से एक थे। उन्होंने 84 साल की उम्र में अपनी आखिरी सांस ली।
गौरतलब हो कि DLS नियम का इस्तेमाल मौसम से प्रभावित मैचों के दौरान टारगेट को सेट करने के लिए होता है। डकवर्थ के साथ इस नियम को बनाने में टोनी लुईस का भी अहम योगदान रहा था, जिनका 2020 में 78 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था। DLS का पहली बार इस्तेमाल 1997 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में हुआ था।
डकवर्थ और लुईस की रिटायरमेंट के बाद ऑस्ट्रेलियन स्टेटिशियन स्टीवन स्टर्न द्वारा प्रणाली में किए गए संशोधनों के बाद इसका नाम बदलकर डकवर्थ-लुईस-स्टर्न कर दिया गया। डकवर्थ-लुईस को 2010 में मेंबर ऑफ़ द आर्डर ब्रिटिश अंपायर से सम्मानित किया गया था।
डीएलएस नियम की वजह से दक्षिण अफ्रीका को हुई थी दुविधा
डीएल नियम ने बारिश को लेकर नियम की जगह ली, जिसका इस्तेमाल बाधित मैचों में टारगेट को सेट करने के लिए किया जाता था। 1992 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेले गए सेमीफाइनल मैच में इस नियम का इस्तेमाल करने पर दुविधा खड़ी हो गई थी। उस मैच में बारिश से पहले प्रोटियाज टीम को जीत के लिए 13 गेंद में 22 रन बनाने थे। लेकिन बारिश होने के बाद उसे 1 गेंद में 22 रन का टारगेट मिला था।
इस नियम की वजह से कई बार देखा गया है कि मैच में जीत रही टीम को बारिश के बाद हार का सामना करना पड़ा है। वहीं, इस नियम की वजह से कई बार मैच काफी रोमांचक भी हो जाते हैं। इस नियम का गणित समझना भी हर किसी के बस की बात नहीं है। क्रिकेट जगत में इस नियम में योगदान देने के लिए फ्रैंक डकवर्थ को हमेशा याद रखा जाएगा।