पूर्व भारतीय खिलाड़ी हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) और युवराज सिंह (Yuvraj Singh) की दोस्ती किसी से छुपी नहीं है। दोनों एक ही घरेलू टीम का हिस्सा थे और भारतीय टीम में भी लम्बे समय तक साथ में खेले। हालाँकि हरभजन सिंह को नहीं लगता कि अगर ऑलराउंडर भारतीय कप्तान होता तो इससे उनके करियर पर कोई फर्क पड़ता।
दिग्गज गेंदबाज का मानना है कि वह जिस भी कप्तान के अंडर खेले, उनकी मेरिट के हिसाब से खेले। वहीँ उनका मानना है कि एक कप्तान को दोस्तों को खुश रखने के बजाय टीम की जरूरत को ध्यान में रखना चाहिए।
स्पोर्ट्सकीड़ा के यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो में हरभजन ने कहा कि उन्हें किसी भी कप्तान ने टीम में रखने का फेवर नहीं किया क्योंकि उन्होंने हमेशा अपने प्रदर्शन के दम पर टीम में जगह बनाई। उन्होंने कहा,
मुझे नहीं लगता कि अगर युवराज कप्तान होते तो हमारा कोई करियर लंबा होता। क्योंकि हमने जो भी खेला है वह अपनी काबिलियत पर खेला है और किसी भी कप्तान ने हमें बाहर होने से नहीं बचाया। जब भी आप देश की कप्तानी करते हैं, तो आपको दोस्ती को एक तरफ रखकर सबसे पहले देश के बारे में सोचने की जरूरत होती है।
युवराज सिंह एक शानदार कप्तान होते - हरभजन सिंह
युवराज सिंह को भारत की कप्तानी करने का मौका कभी नहीं मिला। हालाँकि हरभजन का मानना है कि अगर युवी को कप्तानी का मौका मिला होता, तो वह एक बेहतरीन कप्तान साबित होते। उन्होंने कहा,
अगर युवराज सिंह भारतीय कप्तान होते तो हमें जल्दी सोना पड़ता और जल्दी उठना पड़ता (हंसते हुए)। हमें बहुत मेहनत करनी पड़ती। वह एक महान कप्तान होता। उनके रिकॉर्ड खुद के लिए बोलते हैं क्योंकि उन्होंने 2011 वर्ल्ड कप में प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट जीता, एक ऐसा खिताब जो हमें सम्मान देता है।