भारत (Indian Cricket Team) और इंग्लैंड के बीच ओवल में खेले जा रहे चौथे टेस्ट मैच (ENG vs IND) के पहले दिन भारत की तरफ से कई अलग चीजें देखने को मिली। सबसे पहले विराट कोहली (Virat Kohli) ने टॉस में शार्दुल ठाकुर (Shardul Thakur) और उमेश को प्लेइंग XI में शामिल किये जाने की खबर दी। इसके बाद जब पहली पारी में भारत बल्लेबाजी करने उतरा तो नंबर 5 पर सभी को हैरान करते हुए बल्लेबाजी करने रविंद्र जडेजा (Ravindra Jadeja) आये। हालांकि जडेजा ऊपरी क्रम में बल्लेबाजी करने का फायदा नहीं उठा पाए और 10 रन बनाकर वोक्स का शिकार बने। हालांकि उनको ऊपर भेजे जाने के निर्णय से कुछ दिग्गज नाराज भी दिखे लेकिन टीम मैनेजमेंट ने कुछ नया करने की कोशिश की।
ओवल टेस्ट का पहला दिन लगभग दोनों टीमों के लिए बराबरी का रहा। भारत के प्रमुख बल्लेबाजी पहली पारी में कुछ नहीं कर पाए कप्तान विराट को छोड़कर अन्य बल्लेबाज सस्ते में आउट हो गए लेकिन इस सीरीज में अपना दूसरा मैच खेल रहे शार्दुल ठाकुर ने एक तूफानी पारी खेलते हुए अर्धशतक जड़ा और भारत को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया। गेंदबाजी में भारत ने वापसी और पहले दिन बर्न्स, हमीद तथा रुट का विकेट निकालकर अभी भी मैच में पकड़ बनाई हुयी है।
हालांकि मैच के पहले दिन रविंद्र जडेजा का बल्लेबाजी के लिए ऊपर आना काफी चर्चा का विषय रहा। इस आर्टिकल में हम उन 3 कारणों का जिक्र करने जा रहे हैं, जिनके आधार पर जडेजा को ऊपर भेजा जाना एक सही फैसला है।
3 कारण जिनके आधार पर रविंद्र जडेजा को बल्लेबाजी के लिए ऊपर भेजा जाना एक सही फैसला है
#1 इंग्लैंड के खिलाफ कुछ अलग करने की जरूरत थी
टॉस हार कर पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम की बल्लेबाजी इंग्लैंड के गेंदबाजों के सामने सहज नजर नहीं आ रही थी और टीम के दिग्गज बल्लेबाज एक-एक करके आउट होकर लौट रहे थे। इंग्लैंड ने 39 के स्कोर पर तीन विकेट निकालकर अपनी पकड़ बना ली थी।
ऐसे में अगर आने वाले बल्लेबाज रहाणे, जिनका हालिया फॉर्म काफी खराब रहा है, लंच के पहले आउट हो जाते थे तो भारतीय टीम बैकफुट पर जा सकती थी। इसीलिए टीम ने कुछ अलग करते हुए जडेजा को ऊपर बल्लेबाजी के लिए भेजा। हालांकि जडेजा बहुत अधिक योगदान नहीं दे सके लेकिन उन्होंने लंच तक भारत को और कोई नुकसान नहीं होने दिया।
#2 मौजूदा सीरीज में रहाणे की तुलना में जडेजा की बल्लेबाजी में ज्यादा विश्वास दिखा
रविंद्र जडेजा की बल्लेबाजी में पिछले कुछ समय से काफी ज्यादा सुधार देखने को मिला है और यही कारण है कि उन्होंने भारत की कामयाबी में गेंद के साथ-साथ बल्ले से भी अहम रोल अदा किया। इस सीरीज के शुरूआती तीन मैचों में जडेजा की बल्लेबाजी में रहाणे और पंत से ज्यादा विश्वास दिखा है और उन्होंने इंग्लिश आक्रमण का बखूबी सामना किया है।
इस सीरीज में जडेजा ने 6 पारियों में एक अर्धशतक की मदद से 143 रन बनाये हैं। वहीं रहाणे के नाम 6 पारियों में 109 रन हैं। इससे साफ़ तौर पर पता चलता है कि रहाणे की तुलना में जडेजा ज्यादा अच्छी लय में हैं और शायद इसी वजह से उन्हें ऊपर भेजा गया।
#3 ऑलराउंडर के तौर पर जडेजा के चयन को सही साबित करने की जरूरत
इंग्लैंड दौरे के शुरुआती चार मैचों में विराट कोहली ने रविचंद्रन अश्विन जैसे दिग्गज स्पिनर को इसलिए नहीं चुना है क्योंकि रविंद्र जडेजा गेंद के साथ-साथ बल्ले से ज्यादा योगदान दे सकते हैं। इस सीरीज में जडेजा गेंद के साथ अभी तक मात्र दो ही विकेट ले पाए हैं और साफ़ तौर पर पता चलता है कि भारत केवल उनकी बल्लेबाजी की काबिलियत की वजह से खिला रहा है। अपने इसी फैसले को सही साबित करने के लिए टीम मैनेजमेंट ने जडेजा को ओवल में नंबर 5 पर बल्लेबाजी करने के लिए भेजा। दुर्भाग्य से यह कदम सही साबित नहीं हुआ लेकिन अगर जडेजा अच्छा करने में कामयाब होते तो फिर सभी आलोचक शांत हो जाते।