#2 मौजूदा सीरीज में रहाणे की तुलना में जडेजा की बल्लेबाजी में ज्यादा विश्वास दिखा
रविंद्र जडेजा की बल्लेबाजी में पिछले कुछ समय से काफी ज्यादा सुधार देखने को मिला है और यही कारण है कि उन्होंने भारत की कामयाबी में गेंद के साथ-साथ बल्ले से भी अहम रोल अदा किया। इस सीरीज के शुरूआती तीन मैचों में जडेजा की बल्लेबाजी में रहाणे और पंत से ज्यादा विश्वास दिखा है और उन्होंने इंग्लिश आक्रमण का बखूबी सामना किया है।
इस सीरीज में जडेजा ने 6 पारियों में एक अर्धशतक की मदद से 143 रन बनाये हैं। वहीं रहाणे के नाम 6 पारियों में 109 रन हैं। इससे साफ़ तौर पर पता चलता है कि रहाणे की तुलना में जडेजा ज्यादा अच्छी लय में हैं और शायद इसी वजह से उन्हें ऊपर भेजा गया।
#3 ऑलराउंडर के तौर पर जडेजा के चयन को सही साबित करने की जरूरत
इंग्लैंड दौरे के शुरुआती चार मैचों में विराट कोहली ने रविचंद्रन अश्विन जैसे दिग्गज स्पिनर को इसलिए नहीं चुना है क्योंकि रविंद्र जडेजा गेंद के साथ-साथ बल्ले से ज्यादा योगदान दे सकते हैं। इस सीरीज में जडेजा गेंद के साथ अभी तक मात्र दो ही विकेट ले पाए हैं और साफ़ तौर पर पता चलता है कि भारत केवल उनकी बल्लेबाजी की काबिलियत की वजह से खिला रहा है। अपने इसी फैसले को सही साबित करने के लिए टीम मैनेजमेंट ने जडेजा को ओवल में नंबर 5 पर बल्लेबाजी करने के लिए भेजा। दुर्भाग्य से यह कदम सही साबित नहीं हुआ लेकिन अगर जडेजा अच्छा करने में कामयाब होते तो फिर सभी आलोचक शांत हो जाते।