#2 इंग्लैंड पर मनोवैज्ञानिक बढ़त
विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के पहले संस्करण की आखिरी सीरीज में भारत ने चार टेस्ट मैचों के लिए अपने घर पर इंग्लैंड की मेजबानी की थी। इस दौरान टीम ने इंग्लैंड को 3-1 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया था। भारत की इस सीरीज जीत में अश्विन का अहम योगदान था। अश्विन ने इंग्लैंड के खिलाफ सभी चार टेस्ट खेले और मैन ऑफ द सीरीज पुरस्कार जीता। उन्होंने सीरीज में सबसे ज्यादा 32 विकेट हासिल किए, यहां तक कि दूसरे टेस्ट में चेन्नई के टर्निंग ट्रैक पर शानदार शतक भी बनाया।
अश्विन ने उस सीरीज के दौरान इंग्लैंड के बल्लेबाजों को कई बार आउट किया था और वो खिलाड़ी इस टेस्ट सीरीज का भी हिस्सा हैं। ऐसे में अश्विन को मौका मिलता तो विपक्षी बल्लेबाज जरूर थोड़ा घबराहट महसूस करते।
#1 अश्विन ने काउंटी खेलकर तैयारी की थी
विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल के बाद अधिकांश भारतीय टीम इंग्लैंड में छुट्टियां मना रही थी लेकिन अश्विन ने इस बीच समरसेट के खिलाफ सरे के लिए एक काउंटी चैम्पियनशिप खेला। अश्विन ने पहली पारी में तो मात्र एक विकेट हासिल किया लेकिन दूसरी पारी में वो पूरी तरह से लय में दिखे और 6 बल्लेबाजों को अपना शिकार बनाया। ऐसे में अश्विन अन्य स्पिन गेंदबाज की तुलना में इंग्लैंड की परिस्थितियों से ज्यादा बेहतर वाकिफ थे और भारत को पहले टेस्ट में अश्विन को खिलाकर इस चीज का फायदा उठाना चाहिए था।