भारत (India) के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में इंग्लैंड (England) के बल्लेबाजों में तकनीक और धैर्य की कमी को लेकर पूर्व दिग्गज ज्योफ बॉयकॉट ने इंग्लिश बल्लेबाजों को तीखी बातें कही है। बॉयकॉट का मानना है कि कुछ बल्लेबाज गेंद को हिट करने के लिए प्रहार करने के प्रलोभन का विरोध नहीं कर सकते हैं और एकदिवसीय क्रिकेट पर ज्यादा ध्यान देने से ऐसी समस्या आने की बात कही।
द टेलीग्राफ के लिए लिखे कॉलम में बॉयकॉट ने कहा कि मैं हाल ही में ग्राहम गूच से मिला और हमने इंग्लैंड की बल्लेबाजी के बारे में बात की। अगर गेंदबाज उन्हें (बल्लेबाजों को) चार गेंदों के लिए कस कर रखते हैं, तो आप जानते हैं कि हमारे बल्लेबाजों को पांचवीं और छठी गेंद पर (शॉट के लिए) जाना होगा और यह मौका है कि वे खुद को आउट कर लेंगे। क्रिकेट का कल्चर बदल गया है। हम में से कई बल्लेबाज शॉट खेलना पसंद करते हैं और एक दिवसीय क्रिकेट के आधुनिक खिलाड़ी इसमें बहुत अच्छे हैं। रक्षात्मक तकनीक के मामले में वे निराश करते हैं।
ज्योफ बॉयकॉट ने यह भी कहा कि फ्रैंचाइज़ी लीग में रहने और रक्षात्मक होने के बारे में बात करने के कारण यह फैशन में नहीं लग सकता है, लेकिन जैसा कि गूची ने कहा कि टीमों को केवल कुछ अच्छी गेंदें फेंकनी होती हैं क्योंकि वे जानते हैं कि बल्लेबाज जल्द ही एक बड़ा शॉट खेलने के लिए ललचाएंगे। जब वे हर समय आक्रमण करने के लिए जाते हैं, तो हम समर्थक निराश होते हैं। हमें हैरान भी नहीं होना चाहिए क्योंकि इस तरह की क्रिकेट उन्हें काउंटी स्तर पर सिखाई जाती है। जैक क्रॉली को देखो, वह गेंद को हिट करने का प्रयास करते हैं क्योंकि वनडे क्रिकेट में वही सिखाया गया है।
गौरतलब है कि इंग्लैंड की टीम भारत के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में पहली पारी के दौरान 183 रन बनाकर आउट हो गई। दूसरी पारी में जरुर टीम ने 303 रन बनाए लेकिन इसमें भी रनों का बड़ा हिस्सा जो रूट के शतक की वजह से आया।
दोनों टीमों के बीच ट्रेंट ब्रिज में हुआ पहला टेस्ट मैच बारिश के कारण ड्रॉ के रूप में समाप्त हो गया। टीम इंडिया का पलड़ा इसमें भारी था।