2018 के इंग्लैंड दौरे (ENG vs IND) पर विराट कोहली (Virat Kohli) ने 2014 में मिली असफलता को पीछे छोड़ते हुए जेम्स एंडरसन (James Anderson) की अगुवाई वाले इंग्लिश आक्रमण के सामने जमकर रन बनाये थे और अपने बल्ले का जलवा बिखेरा था। हालांकि इस सीरीज में विराट कोहली 2014 के इंग्लिश दौरे की तरह फंसे हुए नजर आ रहे हैं और उनके आउट होने के तरीके भी लगभग उसी तरह के ही हैं। विराट कोहली बाहर जाती गेंदों को खेलने की कोशिश में विकेट के पीछे आउट हो रहे हैं और इस पर पूर्व भारतीय क्रिकेटर और कमेंटेटर संजय मांजरेकर (Sanjay Manjrekar) का मानना है कि अगर विराट बाहर जाती गेंदों को नहीं छोड़ेंगे तो फिर इस पूरी सीरीज में वह समस्याओं का सामना करेंगे।
हिंदुस्तान टाइम्स के लिए अपने कॉलम में संजय मांजरेकर ने लिखा कि 2014 की तरह ही कोहली एक बार फिर ऑफ स्टंप से बाहर जाती गेंदों के सामने जूझ रहे हैं। उनका यह भी मानना है कि अगर विराट बाहर जाती गेंदों को नहीं छोड़ेंगे तो फिर पूरी सीरीज में समस्या का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने लिखा,
"विराट कोहली इस समय बाहर जाती गेंदों के खिलाफ जूझ रहे हैं, 2014 एक बार फिर विराट को तंग करने आ रहा है और यदि वह गेंदों को नहीं छोड़ते जैसा कि उन्होंने 2018 में किया था तो उन्हें पूरी सीरीज में परेशानी की संभावना है।"
मांजरेकर का यह भी मानना है विराट कोहली कि फ्रंट फुट पर खेलने की आदत उन्हें और मुश्किल में डाल रही है और इसी वजह से साधारण गेंदबाज भी खतरनाक साबित हो रहे हैं। उन्होंने अपनी बात को समझाते हुए आगे लिखा,
"या, उन्हें हर हाल में फ्रंट फुट पर नहीं खेलना चाहिए और इससे उनके लिए आसानी होगी तथा गेंदबाजों के लिए मुश्किल होगी। उनका फ्रंट फुट पर खेलना उन्हें और मुश्किलों में डाल रहा है तथा साधारण गेंदबाज भी उन्हें गुड लेंथ के पास गेंदबाजी कर रन बनाने के लिए मुश्किलें पैदा कर रहा।"
मौजूदा सीरीज में विराट कोहली का निराशाजनक प्रदर्शन
विराट कोहली ने मौजूदा टेस्ट सीरीज के तीन मैचों में पांच पारियां खेली हैं और अभी तक हर विपक्षी गेंदबाओं ने उनकी बाहर जाती गेंदों के खिलाफ कमजोरी का फायदा उठाया है। इस सीरीज में अभी तक कोहली के बल्ले से 24.80 की औसत से 124 रन निकले हैं और ये आंकड़े विराट जैसे बल्लेबाज के लिए बिलकुल भी सही नहीं कहे जा सकते हैं।
ऐसे में उनके समर्थकों को उम्मीद होगी कि विराट कोहली ओवल टेस्ट में एक बड़ी पारी खेले और अपने आलोचकों को एक बार फिर अपने बल्ले का दमखम दिखाएं।