पीसीबी द्वारा पीओके में आयोजित लीग में शायद इंग्लैंड का एक भी क्रिकेटर हिस्सा ना ले। खबरों के मुताबिक इस लीग में हिस्सा लेने के लिए इंग्लैंड की टीम अपने खिलाड़ियों को रिलीज नहीं करेगी।
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा है कि उन्हें इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने भरोसा दिलाया है कि वो पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की तरफ से आयोजित कश्मीर प्रीमियर लीग में अपने किसी भी खिलाड़ी को नहीं भेजेंगे।
बीसीसीआई अधिकारी ने कहा "हां हमें ईसीबी ने बताया है कि वो अपने किसी भी प्लेयर को रिलीज नहीं करेंगे।" भारतीय बोर्ड अन्य देशों के क्रिकेट बोर्ड्स से भी इसी तरह की उम्मीद करता है।
बीसीसीआई ने पीओके में किसी भी तरह के टूर्नामेंट के आयोजन पर अपना विरोध जताया है और कहा है कि वो अपने सरकार के स्टैंड का पालन कर रहे हैं। शनिवार को एक बीसीसीआई अधिकारी ने कहा "पाकिस्तान सुपर लीग में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों से हमें कोई दिक्कत नहीं है लेकिन ये लीग पीओके में होनी है। हम लोग अपनी सरकार की लाइन पर चल रहे हैं।"
मोंटी पनेसर ने इस लीग से अपना नाम लिया वापस
आपको बता दें कि इंग्लैंड के पूर्व दिग्गज क्रिकेटर मोंटी पनेसर ने खुद इस लीग में नहीं खेलने का फैसला किया है। उन्होंने एक ट्वीट के जरिए बताया कि वो इस लीग में नहीं खेलेंगे। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा " कश्मीर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच जो विवाद है उसकी वजह से मैंने कश्मीर प्रीमियर लीग में नहीं खेलने का फैसला किया है। मैं इन सब चीजों में नहीं पड़ना चाहता हूं और मैं वहां पर असहज रहूंगा।"
वहीं बीसीसीआई ने आईसीसी से आग्रह किया है कि वो कश्मीर प्रीमियर लीग को मान्यता ना दें। ईएसपीएनक्रिकइंफो की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय बोर्ड ने आईसीसी को लिखित में अपनी नाराजगी जाहिर की है। वहीं पीसीबी ने ये आरोप लगाया है कि बीसीसीआई इस लीग में हिस्सा नहीं लेने के लिए कई क्रिकेटरों पर दबाव बना रही है।
केपीएल की अगर बात करें तो इसमें कुल मिलाकर छह टीमें होंगी। पूर्व तेज गेंदबाज वसीम अकरम इसके वाइस प्रेसिडेंट है और शाहिद अफरीदी ब्रांड एंबेसडर हैं।