Farokh Engineer and Clive Loyd are set to have stands name: भारत और इंग्लैंड के बीच खेले जाने वाले चौथे टेस्ट मैच के दौरान पूर्व भारतीय विकेटकीपर फारुख इंजीनियर और वेस्टइंडीज के महान क्लाइव लॉयड का सम्मान किया जाएगा। इन दोनों खिलाड़ियों को इनके पूर्व काउंटी क्लब लंकाशायर द्वारा सम्मानित किया जाएगा। फारुक और क्लाइव के नाम पर ओल्ड ट्रैफर्ड स्टेडियम में स्टैंड का नाम रखा जाना है। 87 वर्षीय इंजीनियर लगभग एक दशक तक लंकाशायर के लिए खेलें हैं। वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान क्लाइव लॉयड की बात करें तो वह इस क्लब से दो दशक तक जुड़े रहे हैं। इन दोनों खिलाड़ियों का क्लब के लिए योगदान अहम है।सूत्रों ने पीटीआई से बातचीत के दौरान कहा कि स्टैंड का नामकरण समारोह 23 जुलाई से शुरू हो रहे चौथे टेस्ट के पहले दिन आयोजित हो सकता है।फारुख इंजीनियर का लंकाशायर करियरइंजीनियर ने साल 1968 से 1976 के बीच लंकाशायर के लिए 175 मैच खेले हैं। इस दौरान उन्होंने 5942 रन बनाए और 429 कैच पकड़े। विकेटकीपिंग की बात करें तो उनके नाम 35 स्टंपिंग है। मुंबई में जन्मे इंजीनियर ने काउंटी क्लब लंकाशायर के लिए डेब्यू किया तब क्लब ने 15 से भी ज्यादा वर्षों तक कोई बड़ा ख़िताब जीतने में सफल नहीं रहा था। उन्होंने साल 1970 से 1975 के बीच क्लब को चार बार जिलेट कप जिताया। बताते चले कि फारुक इंजीनियर ने भारत के लिए 46 टेस्ट मैच खेले हैं। उन्होंने 31.08 की औसत से कुल 2611 रन बनाए हैं। भारत के लिए खेलते हुए उन्होंने 66 कैच पकड़ने के साथ ही 16 स्टंपिंग भी की।इतिहास में अमर होंगे इंजीनियर और लॉयड23 जुलाई को जब भारत चौथा टेस्ट खेलेगा तब इंजीनियर के साथ-साथ क्लाइव लॉयड लंकाशायर के इतिहास में अमर हो जाएंगे। ग़ौरतलब है कि इंजीनियर ने ब्रेबॉर्न स्टेडियम में अपना ज़्यादातर क्रिकेट खेला है पर वहां उनके नाम पर कोई स्टैंड नहीं है। कुछ साल पहले इंजीनियर ने क्लब की वेबसाइट पर बातचीत की थी। उन्होंने कहा था, वो अविश्वसनीय समय था। ओल्ड ट्रैफर्ड एक शानदार जगह थी। लोग हमें खेलते देखने के लिए कापी दूर दूर से आते थे। ओल्ड ट्रैफर्ड के ड्रेसिंग रूम से हम वॉरिक रोड रेलवे स्टेशन देख सकते थे। मैच से पहले भरी हुई ट्रेनें आती थीं और लोग उतरते थे। उनकी बातें, खुशी और हंसी की आवाजें साफ सुनाई देती थीं।इतना ही नहीं इंजीनियर ने अपने सुनहरे दिनों में फैंस द्वारा भेजे गए चिठ्ठियों को भी याद किया। अपनी बात जारी रखते हुए उन्होंने कहा, यह बहुत ही खास था। हमारे लॉकर ऑटोग्राफ के अनुरोधों और पार्टी के निमंत्रणों से भर जाते थे। पूरे इंग्लैंड में उस महान टीम की चर्चा थी, जिसमें क्लाइव लॉयड हैरी पिलिंग, पीटर लीवर और केन शटलवर्थ जैसे नाम शामिल थे।रिटायरमेंट के बाद इंजीनियर ने मैनचेस्टर को अपना घर बना लिया। वह आज भी वहीं रहते है।