वर्ल्ड कप 2019 समाप्त हो चुका है। वर्ल्ड कप शुरु होने से पहले भारतीय क्रिकेट टीम को इस बार वर्ल्ड कप जीतने का सबसे बड़ा दावेदार माना जा रहा था। हालांकि, पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करने के बावजूद भारतीय टीम सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ 18 रनों से हारकर टूर्नामेंट से बाहर हो गई थी।
यह वर्ल्ड कप खत्म होते ही भारतीय टीम को लेकर काफी सवाल खड़े किए जा रहे हैं और लगातार चर्चा की जा रही है कि नए और युवा खिलाड़ियों को अब मौका दिया जाना चाहिए। अगला वर्ल्ड कप भारत में ही होना है और टीम प्रबंधन अभी से नए खिलाड़ियों को तैयार करने का मन बना रही है।
कई ऐसे खिलाड़ी रहे हैं जिन्होंने अपना टैलेंट बखूबी दिखाया है, लेकिन भारत के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वे ज़्यादा मुकाबला नहीं खेल सके हैं। एक नजर उन 5 भारतीय खिलाड़ियों पर जिनकी अब भारतीय टीम में वापसी बेहद मुश्किल नजर आ रही है।
यह भी पढ़ें: भारत के 5 बेहतरीन स्टेडियम जिन्हें मिल सकती है 2023 वर्ल्ड कप के मैचों की मेज़बानी
#5 मोहित शर्मा
हरियाणा के मध्यम गति के तेज गेंदबाज मोहित शर्मा ने घरेलू क्रिकेट और आईपीएल में शानदार प्रदर्शन करने के बाद 2013 में भारत के लिए अपना वनडे डेब्यू किया था। मोहित ने 2015 वर्ल्ड कप भी खेला था, लेकिन अक्टूबर 2015 में ही उन्होंने भारत के लिए अपना आखिरी वनडे खेला था और उसके बाद से उन्हें अब तक कोई मौका नहीं मिला है।
अक्टूबर 2015 में ही मोहित ने अपना आखिरी टी-20 इंटरनेशनल मुकाबला भी खेला था। मोहित ने भारत के लिए 26 वनडे और 8 टी-20 मुकाबले खेले हैं। इस बीच आईपीएल में भी मोहित कुछ खास नहीं कर पा रहे हैं और भारत के पास तेज गेंदबाज के रूप में जसप्रीत बुमराह, भुवनेश्वर कुमार और मोहम्मद शमी जैसे शानदार गेंदबाज हैं।
फिलहाल टीम प्रबंधन खलील अहमद और नवदीप सैनी जैसे युवा गेंदबाजों को मौका देने पर विचार कर रहा है तो 30 वर्षीय मोहित का भारतीय टीम में वापस आ पाना बेहद मुश्किल लग रहा है।
Hindi Cricket News, सभी मैच के क्रिकेट स्कोर, लाइव अपडेट, हाइलाइट्स और न्यूज स्पोर्टसकीड़ा पर पाएं।
#4 पार्थिव पटेल
पार्थिव पटेल ने 2002 में इंग्लैंड में इंग्लैंड के खिलाफ मात्र 17 साल की उम्र में अपना टेस्ट डेब्यू किया था। छोटे कद के पार्थिव ने दिखाया था कि उनमें लंबे समय तक भारत के लिए विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में खेलने की क्षमता है। हालांकि, 2002 में टेस्ट डेब्यू करने वाले पार्थिव कुल 25 टेस्ट मैच ही खेल सके हैं और उन्होंने आखिरी टेस्ट मुकाबला जनवरी 2018 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेला था।
2003 में वनडे डेब्यू करने वाले पटेल ने भारत के लिए मात्र 38 वनडे खेले हैं और आखिरी बार 2012 में उन्होंने भारत के लिए वनडे मुकाबला खेला था। 2011 में टी-20 डेब्यू करने वाले पटेल ने 2011 में ही आखिरी टी-20 इंटरनेशनल मुकाबला खेला था।
भले ही पटेल लगातार आईपीएल और घरेलू क्रिकेट खेल रहे हैं, लेकिन 34 साल के हो चुके पार्थिव का भारतीय टीम में वापस आना बेहद मुश्किल है।
#3 मनोज तिवारी
मनोज तिवारी ने 2008 में भारत के लिए अपना वनडे डेब्यू किया। हालांकि, टीम में कड़ी प्रतिद्वंदिता के कारण मनोज अब तक केवल 12 वनडे ही खेल सके जिसमें उन्होंने 1 शतक और 1 अर्धशतक लगाया। 2015 में मनोज ने जिम्बाब्वे के खिलाफ आखिरी वनडे इंटरनेशनल मुकाबला खेला था।
इसी तरह 2011 में टी-20 इंटरनेशनल डेब्यू करने के बावजूद मनोज केवल 3 टी-20 खेल सके और केवल एक ही बार उन्हें बल्लेबाजी करने का मौका मिला। 2012 में मनोज ने अपना आखिरी टी-20 इंटरनेशनल खेला था। फिलहाल 33 साल के हो चुके मनोज को आईपीएल 12 में किसी टीम ने नहीं खरीदा था।
भारतीय टीम का बल्लेबाजी क्रम इतना मजबूत है कि फिलहाल मनोज की जगह टीम में बनती नजर नहीं आ रही है। फिलहाल भारतीय टीम युवा खिलाड़ियों को ही मौका देने की कोशिश कर रही है।
#2 रॉबिन उथप्पा
रॉबिन उथप्पा का नाम आते ही लोगों के दिमाग में उनके द्वारा तेज गेंदबाजों पर चहलकदमी करके सिर के ऊपर से लगाए गए शॉट याद आने लगते हैं। उथप्पा ने 2006 में भारत के लिए अपना वनडे डेब्यू किया था और लोगों को निडर क्रिकेट का अंदाज दिखाया था।
हालांकि, उथप्पा का करियर उतना अच्छा नहीं जा पाया और वह अब तक केवल 46 वनडे ही खेल सके हैं। उथप्पा ने आखिर बार 2015 में भारत के लिए वनडे मुकाबला खेला था। इसके अलावा 2007 में टी-20 डेब्यू करने वाले उथप्पा केवल 13 टी-20 खेल सके और आखिरी बार 2015 में उन्होंने भारत के लिए टी-20 मुकाबला खेला था।
आईपीएल में उथप्पा की स्ट्राइक रेट लगातार गिरती जा रही है और अब वह उस तरह खुलकर नहीं खेल पा रहे हैं जिसके लिए उन्हें जाना जाता था। इसके अलावा उथप्पा 33 साल के हो चुके हैं और भारत की मजबूत बल्लेबाजी को देखते हुए उनकी जगह बनती नजर नहीं आ रही है।
#1 पीयूष चावला
पीयूष चावला ने 2006 में मात्र 18 साल की उम्र में भारत के लिए अपना टेस्ट डेब्यू किया था। लेग स्पिनर चावला में टैलेंट की कोई कमी नहीं थी, लेकिन अनिल कुंबले और हरभजन सिंह की जोड़ी के रहने के नाते वह केवल 3 टेस्ट ही खेल सके और 2012 में उन्होंने भारत के लिए अपना आखिरी टेस्ट खेला था।
2010 में टी-20 डेब्यू करने वाले चावला ने मात्र 7 टी-20 इंटरनेशनल खेले है और 2012 में उन्होंने अपना आखिरी टी-20 इंटरनेशनल मुकाबला खेला था। 2007 में वनडे डेब्यू करने वाले चावला ने 2011 वर्ल्ड कप में अपना आखिरी वनडे मुकाबला खेला था।
वर्ल्ड कप जीतने के बाद चावला को दोबारा टीम में आने का मौका नहीं मिला जबकि वह आईपीएल और घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। 156 विकेटों के साथ चावला आईपीएल में चौथे सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाला गेंदबाज हैं।