भारत के खिलाफ 13 जुलाई से शुरू होने वाली सीमित ओवर सीरीज से पहले पांच श्रीलंकाई खिलाड़ियों- विश्वा फर्नांडो, लसिथ एंबुलडेनिया, लाहिरू कुमार, अशेन बंडारा और कसुन रजित ने 'दौरे अनुबंध' पर हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया है।
श्रीलंकाई खिलाड़ियों का इस समय बोर्ड के साथ नए अनुबंध को लेकर मतभेद चल रहा है। 24 राष्ट्रीय खिलाड़ियों ने नए अनुबंध पर हस्ताक्षर नहीं किए है, जो उन्हें उनकी फिटनेस स्तर और मैदानी प्रदर्शन के आधार पर मिले हैं।
खिलाड़ियों ने नए प्रदर्शन-आधारित अनुबंध पर हस्ताक्षर करने से इंकार किया, तो बोर्ड दौरा-आधारित अनुबंध ले आया, जिस पर क्रिकेटर्स को सीरीज से पहले हस्ताक्षर करने होंगे ताकि वह श्रीलंका का प्रतिनिधित्व करना जारी रखें। वहीं मुख्य अनुबंध विवाद को बोर्ड और खिलाड़ियों के बीच सुलझाया जा रहा है।
हालांकि, रिपोर्ट है कि पांच खिलाड़ियों ने दौरा-आधारित अनुबंध पर हस्ताक्षर करने से भी इंकार कर दिया है, जिससे भारत के खिलाफ वह चयन प्रक्रिया से बाहर हो गए हैं। पांच खिलाड़ियों को आवासीय शिविर से भी बाहर कर दिया गया है जो कोलंबो और दांबुला में चल रहा है।
श्रीलंका क्रिकेट के सीईओ एश्ले डी सिल्वा ने कहा, 'जब तक राष्ट्रीय अनुबंध मामला सुलझ नहीं जाता, तब उन्हें दौरा अनुबंध पर हस्ताक्षर करने को कहा गया था कि वह भारत के खिलाफ सीरीज में उपलब्ध होंगे। मगर उन्होंने दौरा आधारित अनुबंध पर भी हस्ताक्षर नहीं किया और इसलिए उन्हें आवासीय शिविर से बाहर कर दिया गया। वह दांबुला और कोलंबो में बबल से नहीं जुड़ेंगे।'
बता दें कि श्रीलंका का प्रमुख समूह इंग्लैंड में है, जो मेजबान टीम के खिलाफ सीमित ओवर सीरीज खेल रहा है। इंग्लैंड ने तीन टी20 इंटरनेशनल मैचों की सीरीज में श्रीलंका का 3-0 से क्लीन स्वीप किया और अभी तीन मैचों की वनडे सीरीज में वो 1-0 की बढ़त पर है।
इंग्लैंड के तीन खिलाड़ियों पर लगा बैन
श्रीलंका क्रिकेट इस समय बहुत बुरे दौर से गुजर रहा है। तीन खिलाड़ियों- कुसल मेंडिस, निरोशन डिकवेला और दनुष्का गुनाथिलाका को बायो-बबल उल्लंघन का दोषी मानकर इंग्लैंड से स्वदेश बुला लिया गया है।
रिपोर्ट्स में बताया गया कि श्रीलंका क्रिकेट ने इन तीन खिलाड़ियों पर एक साल का प्रतिबंध लगाया है और भारी जुर्माना लगाने की तैयारी में भी है। इसका मतलब हुआ कि ये तीनों खिलाड़ी इस साल टी20 विश्व कप में हिस्सा नहीं ले पाएंगे।