ICC क्रिकेट विश्व कप 2019 के शुरु होने में कुछ महीनों का समय बचा है और इस बार क्रिकेट का महाकुंभ इंग्लैंड एंड वेल्स में 30 मई, 2019 से 14 जुलाई, 2019 तक खेला जाना है। अपने घर में हो रहे विश्व कप में म़ेजबान इंग्लैंड पहली बार इस खिताब को जीतना चाहेगी। पिछले दो बार विश्व कप को मेज़बान देशों ने ही जीता था जिसमें 2011 में भारत और 2015 में ऑस्ट्रेलिया विश्व चैंपियन बनी थी।
विश्व कप में अच्छा प्रदर्शन करके स्टार खिलाड़ी सुपरस्टार और फिर धीरे-धीरे क्रिकेट के लेजेंड बन जाते हैं। विराट कोहली, जो रूट और ट्रेंट बोल्ट जैसे स्टार खिलाड़ी इस बार के टूर्नामेंट में अपनी छाप छोड़ने को बेताब होंगे तो वहीं टूर्नामेंट के दौरान कुछ खिलाड़ी चौंकाने वाली संन्यास की घोषणा भी कर सकते हैं।
इस बार का टूर्नामेंट क्रिस गेल, महेन्द्र सिंह धोनी, रॉस टेलर और हाशिम अमला जैसे दिग्गजों के लिए आखिरी विश्व कप साबित हो सकता है। एक नजर डालते हैं उन 5 खिलाड़ियों पर जिन्होंने 2015 विश्व कप में शानदार प्रदर्शन किया था लेकिन इस बार विश्व कप में वे नहीं खेलेंगे।
#5 मोर्ने मोर्कल
2015 विश्व कप में मोर्ने मोर्कल की शानादार फॉर्म ने दक्षिण अफ्रीका को काफी ज़्यादा फायदा पहुंचाया था। अफ्रीकी तेज गेंदबाज ने टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करते हुए 8 मैच में 17 विकेट झटके थे। उनकी शानदार गेंदबाजी का शिकार महेन्द्र सिंह धोनी, ब्रैंडन मैकलम, कुमार संगकारा और ब्रैंडन टेलर जैसे स्टार बल्लेबाज भी बने थे।
उन्होंने टूर्नामेंट में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन मनुका ओवल पर किया था जहां उन्होंने आयरलैंड के खिलाफ 9 ओवरों में 34 देकर 3 विकेट झटके थे। मोर्कल ने 16 फरवरी, 2018 को इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। मोर्कल विश्व कप 2015 में दक्षिण अफ्रीका के लिए सबसे ज़्यादा विकेट झटकने वाले गेंदबाज थे।
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#4 एबी डीविलयर्स
भले ही 2015 में एबी डीविलयर्स अपनी कप्तानी में दक्षिण अफ्रीका को पहला विश्व कप खिताब नहीं जिता सके थे, लेकिन उन्होंने अपने प्रदर्शन से दुनियाभर के क्रिकेट फैंस का दिल जीत लिया था। हालांकि, उनका शानदार प्रदर्शन अंत में बेकार चला गया और अफ्रीका की हार के बाद करोड़ों क्रिकेट फैंस का दिल टूट गया था।
डीविलयर्स ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए 96.40 की अदभुत औसत और 144.31 की खतरनाक स्ट्राइक रेट से 7 पारियों में 482 रन बनाए थे और वह टूर्नामेंट में दक्षिण अफ्रीका के लिए सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज थे। 17 चौके और आठ छक्कों से सजी 66 गेंदों में 162 रनों की नाबाद पारी उनकी टूर्नामेंट की बेस्ट पारी रही थी।
2019 विश्व कप से पहले ही डीविलयर्स ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास की घोषणा करके लोगों को चौंका दिया।
#3 कुमार संगकारा
2011 में कुमार संगकारा ने अपनी कप्तानी में श्रीलंका को विश्व कप के फाइनल में पहुंचाया जहां उन्हें भारतीय क्रिकेट टीम ने मात दी थी। 2015 विश्व कप में संगकारा का प्रदर्शन और भी शानदार रहा। बाएं हाथ के बल्लेबाज ने टूर्नामेंट में 108.20 की अदभुत औसत के साथ 541 रन बनाए थे और वह टूर्नामेंट में सबसे बेहतरीन औसत से रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे थे।
हालांकि टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करने और दोहरा शतक लगाने वाले मार्टिन गप्टिल ने संगकारा से 6 रन ज़्यादा बनाए थे और गप्टिल टूर्नामेंट में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे थे। 2015 में संगकारा ने लगातार 4 मैचों में शतक जड़े थे और विश्व कप में लगातार 4 शतक लगाने वाले पहले बल्लेबाज बने थे। हालांकि, 2015 विश्व कप के कुछ दिनों बाद ही संगकारा ने संन्यास की घोषणा कर दी।
#2 ब्रैंडन मैकलम
इस बात में कोई शक नहीं है कि ब्रैंडन मैकलम अब तक के सबसे बेहतरीन कवी कैप्टन हैं और ऐसा इसलिए क्योंकि वह न्यूज़ीलैंड को विश्व कप फाइनल तक ले जाने वाले पहले कप्तान हैं। भले ही भविष्य में न्यूजीलैंड विश्व कप जीते लेकिन मैकलम ने जो किया उसे कोई नहीं मिटा सकता है।
जब वह न्यूजीलैंड के कप्तान बने थे तब टीम बिखरी हुई थी लेकिन उन्होंने शानदार कप्तानी करते हुए टीम को एकजुट किया और न्यूजीलैंड को 2015 विश्व कप के फाइनल तक पहुंचाया। 2015 विश्व कप में मैकलम न्यूजीलैंड के लिए सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले दूसरे बल्लेबाज थे।
मैकलम ने नौ मैचों में 328 रन बनाए थे जिसमें इंग्लैंड के खिलाफ 18 गेंदों में लगाया गया विश्व कप का सबसे तेज अर्धशतक भी शामिल है। मैकलम ने 24 फरवरी, 2016 को इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया।
#1 माइकल क्लार्क
2015 विश्व कप के दौरान एक कप्तान के रूप में माइकल क्लार्क का प्रदर्शन अदभुत रहा था। उन्होंने शानदार तरीके से ऑस्ट्रेलिया की अगुवाई की थी और अपने देश को 2007 के बाद पहला विश्व कप खिताब दिलाया था। भले ही टूर्नामेंट के दौरान क्लार्क बल्ले के साथ ज़्यादा प्रभावी नहीं रहे थे, लेकिन जब भी उनकी टीम को रनों की दरकार थी उन्होंने उपयोगी पारियां खेली थी।
क्लार्क ने न्यूजीलैंड के खिलाफ विश्व कप फाइनल में मुश्किल परिस्थितियों में बल्लेबाजी के लिए आने के बावजूद शांत तरीके से खेलते हुए टूर्नामेंट की अपनी सर्वश्रेष्ठ 74 रनों की पारी खेली थी।
हालांकि, क्लार्क के शानदार नेतृत्व क्षमता का फायदा ऑस्ट्रेलिया को निश्चित रूप से मिला था। टूर्नामेंट खत्म होने के कुछ दिनों बाद ही ऑस्ट्रेलियन कैप्टन ने इंटरनेशनल क्रिकेट के सभी फॉर्मेट को अलविदा कह दिया था।