पाकिस्तान (Pakistan) के अम्पायर असद रऊफ (Asad Rauf) का करियर रिश्वत और भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद समाप्त हुआ था। घटना आईपीएल 2013 की है। उन्होंने इस पर प्रतिक्रिया दी है। असद का कहना है कि बीसीसीआई कोई सबूत नहीं जुटा पाई और मेरे पास सबूत के तौर पर जज का निर्णय है कि मैं निर्दोष हूँ।
असद रऊफ का कहना है कि कथित घटना 2013 में हुई थी और बीसीसीआई तीन साल से सो रही थी। उन्होंने 2016 में एक जांच शुरू की और यह जबरन की गई जांच थी क्योंकि इसमें कोई सच्चाई नहीं थी। मैंने आईसीसी से कहा कि मैं 2013 के बाद अपना इस्तीफा सौंप दूंगा। मैं आईसीसी के प्रति जवाबदेह हूं, बीसीसीआई के प्रति नहीं। अगर बीसीसीआई भारत में मेरे खिलाफ एकतरफा मामला दर्ज करना चाहती है तो वह उन पर है। जहां तक मेरा सवाल है, आईसीसी ने कभी भी स्थिति को अपने हाथ में नहीं लिया क्योंकि इन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं थी।
अपने करियर के दौरान, रऊफ ने 49 टेस्ट, 98 एकदिवसीय, 23 टी20 और आठ महिला टी20 में अंपायरिंग की। अपने अंपायरिंग करियर से पहले, वह दाएं हाथ के बल्लेबाज भी थे और अपने देश के घरेलू क्रिकेट सर्किट में खेले। 2013 में सट्टा लगाने वालों से रिश्वत लेने के मामले में उनका करियर समाप्त हो गया।
आजकल वह लाहौर में एक शॉप चलाते हैं। इसमें कपड़े और जूते बेचने का कार्य वह करते हैं। अपने बिजनेस को लेकर असद रऊफ ने कहा कि यह मेरा एक पुराना व्यवसाय है और अगर मैंने अंपायर बनने का प्रयास नहीं किया होता, तो मैं ठीक यही काम कर रहा होता। इसके साथ ही मेरा आयरन और मेटल का बिजनेस भी है। मैंने अंपायरिंग को आगे बढ़ाने का फैसला करने से बहुत पहले ही इन सभी चीजों को शुरू कर दिया था।