भारतीय टेस्ट क्रिकेट का इतिहास बहुत ही लंबा रहा है। भारतीय टीम ने इस दौरान कई कीर्तिमान अपने नाम किए हैं और हमें कई यादगार पल दिए हैं। भारतीय टेस्ट टीम को 536 टेस्ट मैचों का अनुभव है। इस दौरान कई बार भारतीय टीम नंबर एक की पोजीशन तक पहुंची है। भारत के कई बल्लेबाज और गेंदबाज आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में नंबर वन रह चुके हैं और फिलहाल विराट कोहली और जसप्रीत बुमराह ने भारतीय टेस्ट टीम का भार अपने कंधों पर लिया हुआ है। इन सब में भारतीय टेस्ट कप्तानों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इन टेस्ट कप्तानों में साल 1932 में भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान रहे सीके नायडू से लेकर वर्तमान 2019 में भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान विराट कोहली तक कई नाम आते हैं। इस दौरान हमें कपिल देव, मोहम्मद अजहरुद्दीन, सौरव गांगुली और महेंद्र सिंह धोनी जैसे महान कप्तानों को देखने का अवसर मिला। इन कप्तानों में बहुत से ऐसे कप्तान थे, जिन्होंने बहुत लंबे समय तक कप्तानी की और कुछ कप्तान ऐसे भी थे जिन्हें कुछ ही मैचों में कप्तानी का मौका मिला। आज हम इन्हीं कप्तानों की कड़ी में चार ऐसे कप्तानों की बात करेंगे, जिन्होंने भारतीय टेस्ट टीम के लिए सिर्फ एक ही मैच में कप्तानी की।
#1 हेमू अधिकारी
पूर्व भारतीय क्रिकेटर हेमू अधिकारी का जन्म 31 जुलाई 1919 को पुणे में हुआ था। हेमू अधिकारी ने अपना टेस्ट पदार्पण साल 1947 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ किया था। हेमू अधिकारी ने 21 टेस्ट मैचों में 872 रन बनाए थे, जिसमें 1 शतक और 4 अर्धशतक शामिल है, उन्होंने इस दौरान तीन विकेट भी झटके थे। उन्हें साल 1958 में वेस्टइंडीज के खिलाफ भारतीय टेस्ट टीम की कप्तानी करने का मौका मिला। जिसका नतीजा यह रहा कि वह टेस्ट ड्रॉ रहा। इसके बाद हेमू अधिकारी ने दोबारा किसी मैच में भारतीय टेस्ट टीम की कप्तानी नहीं की। हेमू अधिकारी का देहांत 25 अक्टूबर 2003 को मुंबई में हुआ था।
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#2 पंकज रॉय
पूर्व भारतीय टेस्ट खिलाड़ी पंकज रॉय का जन्म 31 मई 1928 को ढाका बंगाल में हुआ था। दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने अपने टेस्ट कैरियर की शुरुआत साल 1951 में इंग्लैंड के खिलाफ की थी। इन्होंने अपने टेस्ट करियर के दौरान कुल 46 मैच खेले थे जिनमें उन्हें 2442 रन बनाए इनमें 5 शतक और 9 अर्धशतक भी शामिल है। साथ ही साथ इस दौरान उन्होंने 1 विकेट भी झटका। इन्हें साल 1959 के दौरान इंग्लैंड के खिलाफ भारतीय टेस्ट टीम की कप्तानी करने का अवसर प्राप्त हुआ था। यह टेस्ट मैच भारत हार गया था। इस टेस्ट मैच के बाद पंकज रॉय को दोबारा टेस्ट टीम की कप्तानी करने का अवसर प्राप्त नहीं हुआ। पंकज रॉय ने अपना आखिरी टेस्ट में इस साल 1960 में पाकिस्तान के खिलाफ खेला, यह टेस्ट मैच मुंबई में खेला गया था।पंकज रॉय का देहांत 4 फरवरी 2001 में कोलकाता में हुआ।
#3 चंदू बोर्डे
पूर्व भारतीय टेस्ट क्रिकेटर चंदू बोर्डे का जन्म 21 जुलाई 1934 को हुआ था। इस दाएं हाथ के खिलाड़ी ने अपने टेस्ट करियर का आगाज 28 नवंबर 198 को वेस्टइंडीज के खिलाफ किया था। इन्होंने अपने टेस्ट कैरियर में 55 टेस्ट मैचों में 3061 रन बनाए थे जिनमें 5 शतक और 18 अर्धशतक शामिल हैं। इस दौरान उन्होंने 52 विकेट भी झटके थे। चंदू बोर्डे को साल 1967 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारतीय टेस्ट टीम की कप्तानी करने का मौका मिला। भारतीय टेस्ट टीम यह मैच हार गई इस टेस्ट मैच के बाद चंदू बोर्डे को दोबारा कभी भारतीय टेस्ट टीम की कप्तानी करने का मौका नहीं मिला। चंदू बोर्डे ने अपना आखिरी टेस्ट मैच 9 नवंबर 1969 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला। चंदू बोर्डे ने कई मौकों पर भारतीय टीम के मैनेजर का कार्य भी किया है। फिलहाल 85 वर्ष चंदू बोर्डे अपने परिवार के साथ समय बिता रहे हैं।
#4 रवि शास्त्री
पूर्व भारतीय क्रिकेटर रवि शास्त्री का जन्म 27 मई 1962 को हुआ था। रवि शास्त्री अपना टेस्ट करियर का आगाज 21 फरवरी 1981 को न्यूजीलैंड के खिलाफ किया था रवि शास्त्री ने अपने टेस्ट कैरियर के दौरान कुल 80 मैच खेले इस दौरान उन्होंने 3830 रन बनाए जिसमें 11 शतक और 12 अर्धशतक भी शामिल है। साथ ही साथ उन्होंने 151 विकेट भी झटके हैं। रवि शास्त्री ने साल 1987 में वेस्टइंडीज के खिलाफ भारतीय टेस्ट टीम की कप्तानी की थी और भारतीय टीम इस मैच में विजयी रही थी। लेकिन इसके बावजूद रवि शास्त्री को दोबारा भारतीय टेस्ट टीम की कप्तानी करने का मौका नहीं मिला। रवि शास्त्री ने अपना आखिरी टेस्ट मैंच 26 दिसंबर 1992 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था। रवि शास्त्री एक प्रसिद्ध कमेंटेटर रह चुके हैं और फिलहाल वह भारतीय टीम के मुख्य कोच हैं। भारतीय क्रिकेट में रवि शास्त्री का रुतबा काफी बड़ा है और फिलहाल भारतीय क्रिकेट के इर्द-गिर्द घूम रही है।