IPL 2017: कुलवंत खेजरोलिया का वेटर से मुंबई इंडियंस में शामिल होने तक का सफर

Rahul

मुंबई इंडियंस ने इंडियन प्रीमियर लीग में शानदार प्रदर्शन किया है। पहले क्वालीफायर में हारने के बाद अब टीम दूसरे क्वालीफायर में केकेआर को 6 विकेट से हराकर फाइनल में प्रवेश कर लिया। मुंबई टीम के खिलाड़ियों ने मैदान के अंदर अपने खेल से सभी का दिल जीता है। मैदान के बाहर भी टीम का ऐसा ख़िलाड़ी है, जिसने अपने जीवन से ज्यादा क्रिकेट को अहमियत दी है। हालांकि इस ख़िलाड़ी ने मुंबई के लिए एक भी मैच ना खेला हो लेकिन अपने क्रिकेट के प्रेम को सभी के सामने लेकर आये हैं। दिल्ली के लिए रणजी टीम से शुरुआत करने वाले कुलवंत खेजरोलिया ने इस साल विजय हजारे ट्रॉफी में अपने लिस्ट-ए-करियर की शुरुआत की थी। सभी को चौंकाते हुए इस ख़िलाड़ी ने 7 मैचों में 4.39 इकोनोमी रेट से 17 विकेट लिए थे। इसी शानदार प्रदर्शन की बदौलत इनको आईपीएल में मुंबई इंडियंस ने ख़रीदा। क्रिकेट से उनका जीवन किस प्रकार बदल जायेगा यह उन्होंने एक वीडियो के जरिए बताया है। उन्होंने अपने जीवन में क्रिकेट की शुरुआत से लेकर अब तक की कहानी को बयां किया है। मुंबई इंडियंस के युवा तेज गेंदबाज कुलवंत ने अपनी जीवन के बारे में बताया कि उन्होंने अपने क्रिकेट की शुरुआत एक साल पहले की थी। उससे पहले वह गोवा के एक रेस्टोरेंट में वेटर का काम करते थे। कुलवंत ने अपने परिवार को क्रिकेट खेलने की जानकारी नहीं दी थी। उनका मानना है कि वह पढ़ाई में ज्यादा अच्छे नही थे, वह परीक्षा में ज्यादा नम्बर नहीं ला पाते थे। कुलवंत ने आगे बताया "मेरा परिवार चाहता था कि मैं जल्दी से कोई नौकरी करूं क्योंकि हमे पैसों की बहुत जरूरत थी। मुझे अपनी जिन्दगी को लेकर कुछ भी नहीं सूझ रहा था। फिर मेरे एक दोस्त ने मुझे बताया कि मुझमें एक क्रिकेटर बनने की काबिलियत है, तो मैंने घर वालों से झूठ बोला कि मैं अपने दोस्त के साथ अहमदाबाद में ट्रांसपोर्ट का काम करने जा रहा हूँ लेकिन मैं दिल्ली आ गया था। दिल्ली आने पर कुलवंत ने अपनी कहानी को आगे बढ़ाते हुए कहा कि जब वह दिल्ली आये, तो उन्हें एलबी शास्त्री क्लब में क्रिकेट सीखने का पहला मौका मिला। शास्त्री क्लब से गौतम गंभीर, उन्मुक्त चंद और नितीश राणा जैसे ख़िलाड़ी देखने को निकले हैं । मेरे पास स्पाइक्स के जूते नहीं थे। मैंने अपने कोच संजय भारद्वाज को अपनी कहानी के बारे में बताया, तो उन्होंने मेरे रहने की व्यवस्था क्लब के हॉस्टल में की। मैं सारा दिन मैदान में रहता था और शाम को जिम जाया करता था। मेरी कामयाबी की वजह मेरे कोच संजय भारद्वाज है, उन्होंने हमेशा मुझे अपने बेटे की तरह समझा और मुझे बहुत सपोर्ट किया है। अंत में अपने परिवार और गांव को लेकर कुलवंत ने कहा कि अगर मैं अपने जीवन में कुछ नहीं कर पाता, तो उसका जिम्मेदार मैं खुद होता लेकिन अभी मैं रणजी में दिल्ली और आईपीएल में मुंबई इंडियंस में हूं जिस पर मेरे परिवार वाले और गांव वाले मुझ पर गर्व महसूस करते हैं। यह सब देख कर बहुत ज्यादा अच्छा लगता है। कुलवंत ने अभी तक मुंबई के लिए कोई मैच नहीं खेला है क्योंकि मुंबई में दिग्गज तेज गेंदबाजों होने के कारण उनको मौका नहीं मिल पाया है। राजस्थान में जन्मे इस ख़िलाड़ी के पास अभी क्रिकेट में अपनी पहचान बनाने का बहुत समय है। वह एक बेहतरीन तेज गेंदबाज के तौर पर भारतीय टीम का भविष्य हो सकते हैं।