2 अप्रैल 2011 को भारतीय टीम (Indian Cricket Team) की वर्ल्ड कप जीत के 11 साल पूरे हुए। इस मौके पर उस टीम का हिस्सा रहे सभी सदस्यों ने अपने-अपने तरीके से उस लम्हे को याद किया। भारतीय टीम के उस समय के स्ट्रेंथ और कंडीशनिंग कोच रहे पैडी अपटन ने भी 2011 वर्ल्ड कप को लेकर बड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने बताया कि किस तरह गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) उस टूर्नामेंट में भारतीय बैटिंग ऑर्डर का एक मजबूत स्तंभ बने हुए थे। इसी वजह से कोच गैरी कस्टर्न ने उन्हें "द रॉक" नाम दे रखा था।
गौतम गंभीर ने 2011 वर्ल्ड कप के फाइनल में 97 रनों की बेहद अहम पारी खेली थी। उन्होंने ऐसे समय में भारतीय टीम को संभाला था जब दो विकेट जल्दी-जल्दी गंवाकर टीम मुश्किल में थी। उनकी इस पारी को आज तक कोई नहीं भुला पाया है।
पैडी अपटन ने गौतम गंभीर की काफी तारीफ की
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक पैडी अपटन ने बताया "गैरी कस्टर्न ने गौतम गंभीर को "द रॉक" नाम दे रखा था और टीम में उनका यही नाम था। इसकी वजह ये थी कि वो टीम के बैटिंग लाइन अप में स्थिरता लेकर आते थे और बल्लेबाजी के बैकबोन थे। वो इस तरह से बैटिंग करते थे कि सचिन तेंदुलकर को खुद को एक्सप्रेस करने का मौका मिल जाता था। सहवाग को वो खुलकर खेलने का मौका देते थे और युवराज सिंह को भी खेलने की छूट देते थे और साथ ही में काफी आक्रामक बल्लेबाजी भी कर सकते थे। फाइनल मुकाबले में उन्होंने एक ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार किया था जिससे एम एस धोनी आकर मैच को फिनिश कर सकें। उनकी 97 रनों की पारी से बड़ा कोई उदाहरण नहीं हो सकता है। उस पारी की उतनी बात नहीं हुई क्योंकि वो धोनी जैसी आकर्षक पारी नहीं थी लेकिन बैटिंग ऑर्डर को वो एक फाउंडेशन देते थे।"