When Gautam Gambhir becomes Kinnar: टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर आज (14 अक्टूबर) अपना 43वां बर्थडे सेलिब्रेट कर रहे हैं। अपने जीवन में वह सिर्फ क्रिकेटर ही नहीं, बल्कि सांसद के रुप में भी उपलब्धि हासिल कर चुके हैं। वह 2007 और 2011 के वर्ल्ड चैंपियन भी रह चुके हैं। गंभीर अपने आकाम्रक स्वाभाव के लिए जाने जाते हैं।
बतौर खिलाड़ी गौतम गंभीर जिस आक्रामकता के साथ मैदान पर खेलते थे, वहीं उनकी कोचिंग स्टाइल में नजर आता है। उनका यह आकाम्रक स्वाभाव कई बार मैदान पर देखने को मिला, जब विरोधी खिलाड़ी के साथ बात हाथापाई तक भी पहुंच गई। गंभीर अपने बेबाक और स्पष्ट बयानों के लिए भी जाने जाते हैं। उनके जन्मदिन के मौके पर हम आपको एक किस्से के बारे में बताएंगे, जो कि काफी सुर्खियों में रहा था और उनकी हर किसी ने सराहना भी की थी।
किन्नर समाज को दिया था बढ़ावा
सितंबर 2018 में गौतम गंभीर थर्ड जेंडर यानी किन्नर समाज के लिए खड़े हुए थे। उन्होंने समाज में उपेक्षा और भेदभाव का शिकार किन्नर समाज के कार्यक्रम हिजड़ा हब्बा के उद्धाटन समारोह में माथे पर बिंदी और दुपट्टा ओढ़कर बेहतरीन सामाजिक संदेश देने की कोशिश की थी। सांकेतिक रूप से किन्नरों का रूप धरने के लिए खुद किन्नरों ने ही उनकी मदद की थी।
इस तरह गौतम ने किन्नर समाज के प्रति अपना समर्थन जताया था। गंभीर जब इस कार्यक्रम में पहुंचे, तो किन्नरों ने उन्हें अपनी वेशभूषा में तैयार करने में उनकी मदद की थी और इसकी तस्वीरें चर्चा का विषय बन गई थीं। गंभीर का मानना है कि किन्नर भी सम्मान के हकदार हैं।
किन्नरों से राखी भी बंधवाई थी
गंभीर ने रक्षाबंधन पर भी कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट की थीं, जिसमें वो ट्रांसजेंडर से राखी बंधवाते नजर आए थे। ट्वीट में गंभीर ने लिखा था, 'ये मर्द या औरत होने की बात नहीं है। ये इंसान होने की बात है, ट्रांसजेंडर अभिना अहेर और सिमरन शेख के साथ राखी के रूप में मेरी कलाई पर उनका प्रेम। उनको मैंने इसी तरह स्वीकार किया है। क्या आप भी करेंगे?'