भारतीय टीम को दो विश्वकप जिताने में अहम भूमिका निभाने वाले गौतम गंभीर ने हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया। गंभीर ने इस बीच 2012 में हुई सीबी सीरीज में महेंद्र सिंह धोनी द्वारा लिए गए फैसले की आलोचना की, तो साथ ही में 2013 में उनको टीम से बाहर होने के कारण भी बताया।
2012 में हुई सीबी सीरीज में धोनी ने इस बात का ऐलान किया कि वो 2015 विश्वकप को देखते हुए टीम में गौतम गंभीर, सचिन तेंदुलकर और वीरेंदर सहवाग को एकसाथ नहीं खिला सकते हैं।
गंभीर ने इंडिया टुडे के साथ खास बातचीत में कहा, "यह फैसला काफी हैरान कर वाला था। मेरे हिसाब से किसी भी खिलाड़ी को इस फैसले से हैरानी ही होती। मैंने कभी नहीं सुना कि 2012 में किसी खिलाड़ी को कहा जाए कि वो 2015 का विश्वकप नहीं खेल सकता। मेरे हिसाब से अगर खिलाड़ी रन बना रहा है, तो उम्र का फर्क नहीं पड़ता। मुझे याद है कि जब हमें जरूरत थी, तो होबार्ट में हुए मुकाबले में हम तीनों साथ में खेले थे और जीते भी थे।"
आपको बता दें कि गंभीर को 2013 में इंग्लैंड के खिलाफ हुई एकदिवसीय सीरीज के बाद दोबारा वनडे खेलने का मौका नहीं मिला।
गंभीर ने 2013 में टीम से बाहर होने को लेकर कहा, "मुझे टेस्ट की फॉर्म के कारण वनडे टीम से बाहर किया गया था। उस समय टीम के मुख्य चयनकर्ता संदीप पाटिल ने कॉल करके कहा कि मुझे रन बनाने के कारण नहीं बल्कि मेरी बल्लेबाजी के कारण टीम से बाहर किया गया है।"
आपको बता दें कि गंभीर ने साल 2007 में हुए पहले टी20 विश्वकप के फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ 75 रनों की पारी खेली, तो 2011 विश्वकप के फाइनल में 97 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेली थी। हालांकि गंभीर को इस बात का मलाल है कि उन्हें 2015 विश्व कप में टाइटल डिफेंड करने का मौका नहीं मिला।
गंभीर इस समय आंध्रा के खिलाफ अपना आखिरी रणजी मुकाबला खेल रहे हैं औऱ उन्होंने इसमें 112 रनों की शानदार पारी भी खेली है।
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