पूर्व भारतीय क्रिकेटर गौतम गंभीर का मानना है कि एक कोच होने के लिए सिर्फ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने के अलावा कई पैमानों पर खरा उतरना चाहिए। गौतम गंभीर ने कहा कि कोच ऐसा होना चाहिए जो खिलाड़ियों के दिमाग में सकारात्मकता ला सके। गौतम गंभीर ने टी20 क्रिकेट के संदर्भ में यह बयान दिया है। वे भारत के लिए तीनों प्रारूप में खेले हैं। स्टार स्पोर्ट्स के शॉ में गंभीर ने अपनी बातें रखी।
"यह अहम नहीं है कि आपने काफी क्रिकेट खेला है, यह सलेक्टर के लिए हो सकता है लेकिन एक सफल कोच बनने के नहीं होंता। शायद आप टी20 क्रिकेट के लिए अलग कोच रखें लेकिन वास्तव में यह नहीं है कि किसी ने ज्यादा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट या क्रिकेट नहीं खेला हो वह अच्छा कोच नहीं बन सकता।"
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गौतम गंभीर की नजर में कोच की भूमिका
पूर्व भारतीय क्रिकेटर ने कहा कि कोच को इस बात का पता होना चाहिए कि उसमें प्रभाव लाना और स्वाभाविक खेल में क्या फेरबदल हुआ है। बल्लेबाज को तकनीक और विशेष किस्म के शॉट खेलने के लिए नहीं सिखाना चाहिए। ऐसा करने वाला व्यक्ति सबसे खराब कोच होता है। टी20 क्रिकेट में कोच आपके दिमाग को फ्री करते हुए बड़े शॉट मारने की मानसिकता लाता है। कोई कोच यह नहीं सिखा सकता कि लैप शॉट या रिवर्स लैप शॉट कैसे जड़ना है। अगर कोई कोच ऐसा करता है, तो वह उसे बेहतर खिलाड़ी बनाने के बजाय ज्यादा नुकसान पहुंचा रहा है।
गौरतलब है कि गौतम गंभीर ने भारत के लिए 58 टेस्ट मैचों के अलावा 147 वनडे मैचों में भी शिरकत की है। 37 टी20 मुकाबले भी गौतम गंभीर भारत के लिए खेल चुके हैं। वे 2007 टी20 वर्ल्ड कप और 2011 वनडे वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम के सदस्य थे और दोनों वर्ल्ड कप फाइनल में बेहतरीन प्रदर्शन किया था। हाल ही में युवराज सिंह ने टी20 कोच बनने की इच्छा जताई थी।
आईपीएल में हो रही देरी के कारण स्टार स्पोर्ट्स अपने चैट शॉ में कई भारतीय खिलाड़ियों को बुलाता है। क्रिकेट को लेकर चर्चा करते हुए विभिन्न मसलों पर बेहतरीन प्रतिक्रियाएं अलग-अलग खिलाड़ियों द्वारा देखने को मिलती है।