भारतीय टीम के पूर्व बल्लेबाज गौतम गंभीर ने पूर्व मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद पर निशाना साधा है। गंभीर ने खासकर अंबाती रायडू वाले मामले को लेकर अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी। साथ ही उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि किस तरह चयनकर्ता खिलाड़ियों को सही मैसेज नहीं पहुंचाते हैं।
गौतम गंभीर, एमएसके प्रसाद और कृष्णमाचारी श्रीकांत स्टार स्पोर्ट्स के क्रिकेट कनेक्टेड शो में बात कर रहे थे। इस दौरान भारतीय टीम में चयन प्रक्रिया को लेकर बात चल रही थी।
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गौतम गंभीर ने कहा कि चयनकर्ता खिलाड़ियों से सही तरीके से बात नहीं करते हैं और खिलाड़ियों को पता ही नहीं लग पाता है कि अचानक से उनके करियर को क्या हो गया है। गंभीर ने खुद अपना उदाहरण दिया और बताया कि किस तरह उन्हें 2016 की इंग्लैंड टेस्ट सीरीज से ड्रॉप कर दिया गया था और किसी ने उनसे इस बारे में बताया तक भी नहीं था।
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गंभीर ने कहा ' जब मुझे 2016 में इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट मैच के बाद ड्रॉप कर दिया गया था तो मुझसे कोई बात नहीं की गई थी। करुण नायर का ही उदाहरण आप देख लीजिए, उसने कहा कि उसे कोई क्लैरिटी नहीं दी गई। इसके अलावा युवराज सिंह और सुरेश रैना समेत कई खिलाड़ियों का उदाहरण आपके सामने है।
गौतम गंभीर ने अंबाती रायडू का मुद्दा उठाया
गौतम गंभीर ने इसके बाद एमएसके प्रसाद के सामने ही अंबाती रायडू का मुद्दा उठाया। रायडू को वर्ल्ड कप टीम से ड्रॉप कर दिया गया था और उनकी जगह विजय शंकर को शामिल किया गया था जिन्हें एमएसके प्रसाद ने 3डी प्लेयर कहा था। इसको लेकर बाद में रायडू का एक कमेंट भी आया था।
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गौतम गंभीर ने कहा ' अंबाती रायडू के साथ क्या हुआ। आपने उसे दो साल तक टीम में रखा और उन दो सालों के दौरान उसने नंबर 4 पर बल्लेबाजी की। लेकिन वर्ल्ड कप से ठीक पहले आपको थ्री डी प्लेयर की जरुरत पड़ गई। क्या इस तरह की चीजें आप चयन समिति के चेयरमैन से देखना चाहते हैं कि हमें थ्री-डी क्रिकेटर की जरुरत है।
एमएसके प्रसाद ने इस सवाल के जवाब में अपना बचाव किया और कहा कि टीम को एक तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर की जरुरत थी और इंग्लैंड की परिस्थितियों को देखते हुए उसकी जरुरत थी। प्रसाद ने कहा कि शिखर धवन, रोहित शर्मा, विराट कोहली में से कोई भी गेंदबाजी नहीं कर सकता था। विजय शंकर टॉप ऑर्डर में बल्लेबाजी के अलावा इंग्लैंड की परिस्थितियों में गेंदबाजी में भी कारगर साबित हो सकते थे।