भारतीय टीम के लिए वर्ल्ड कप के 2 फाइनल मुकाबलों में सबसे बड़ी पारियां खेल चुके गौतम गंभीर ने नॉकआउट मुकाबलो में भारतीय टीम के हारने की वजह बताई है। गौतम गंभीर ने कहा कि भारतीय टीम मानसिक तौर पर उतनी मजबूत नहीं है, इसलिए उन्हें नॉकआउट मैचों में हार का सामना करना पड़ा है।
गौतम गंभीर ने कहा कि आप अपने आपको तब तक वर्ल्ड चैंपियन नहीं कह सकते हैं, जब तक आप उस चीज को साबित ना करें।
स्टार स्पोर्ट्स के शो क्रिकेट कनेक्टेड पर बातचीत में गौतम गंभीर ने कहा कि एक अच्छा खिलाड़ी और एक बहुत ही अच्छा खिलाड़ी होने में यही फर्क है कि आप उन अहम मैचों में क्या योगदान देते हैं। मेरा मानना है कि शायद हम नॉकआउट मुकाबलों में दबाव को अच्छी तरह से झेल नहीं सके, और शायद दूसरी टीमों ने हमसे बेहतर तरीके से उस दबाव को झेला है।
ये भी पढ़ें: सौरव गांगुली ने मुझे पुणे वॉरियर्स इंडिया से चेन्नई सुपर किंग्स में ट्रेड नहीं होने दिया था-मुरली कार्तिक
गौतम गंभीर ने कहा कि खिलाड़ियों को मानसिक तौर पर मजबूत होने की जरुरत है
गौतम गंभीर ने कहा कि अगर आप सभी सेमीफाइनल और फाइनल मुकाबलों को उठाकर देखें तो हम लीग स्टेज तक काफी जबरदस्त खेल रहे थे लेकिन नॉकआउट में आकर हार गए। इससे पता चलता है कि हम मानसिक तौर पर उतने मजबूत नहीं थे। हम लगातार बात करते रहते हैं कि हमारी टीम के पास सबकुछ है, हमारे पास वर्ल्ड चैंपियन बनने की काबिलियत है लेकिन जब तक आप क्रिकेट के मैदान में इस चीज को साबित नहीं करते हैं, तब तक आपको वर्ल्ड चैंपियन नहीं कहा जाएगा।
गौतम गंभीर ने आगे कहा कि द्विपक्षीय और लीग स्टेज में आपके पास फिर भी शायद गलती की गुंजाइश होती है लेकिन नॉकआउट स्टेज में आकर आप कतई गलती नहीं कर सकते हैं। आपकी एक गलती आपको घर भेज सकती है। उन सभी मैचों में भारत के पास यही सबसे बड़ी कमी रही है।
ये भी पढ़ें: रविंद्र जडेजा ने बॉलीवुड के मशहूर गाने के साथ शेयर की एम एस धोनी की तस्वीर
गौरतलब है कि भारतीय टीम ने 2013 आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के बाद से आईसीसी की कोई ट्रॉफी नहीं जीती है। भारतीय टीम सेमीफाइनल और फाइनल तक जरुर पहुंची है लेकिन उससे आगे नहीं बढ़ पाई। पिछले साल 2019 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल मुकाबले में भी भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ा था और नॉकआउट स्टेज में टीम की हार का सिलसिला लगातार जारी रहा।