पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने कहा है कि एम एस धोनी को टीम में और मौके नहीं दिए जाने चाहिए। उनके ऊपर युवा खिलाड़ियों को मौका मिलना चाहिए। ऐसा टीम के भविष्य को ध्यान में रखते हुए करना चाहिए।
गंभीर ने टीवी 9 भारतवर्ष से खास बातचीत में कहा, "भविष्य को देखना महत्वपूर्ण है और जब धोनी कप्तान थे, तो उन्होंने भी भविष्य में निवेश किया था। मुझे याद है कि धोनी ने ऑस्ट्रेलिया में मुझसे कहा था कि , सचिन और सहवाग एक साथ कॉमनवेल्थ बैंक सीरीज नहीं खेलेंगे क्योंकि मैदान बड़े थे।”
पूर्व सलामी बल्लेबाज ने आगे कहा, "भावनात्मक होने के बजाय वास्तविक निर्णय लेना आवश्यक है। यह युवाओं को तैयार करने का समय है। ऋषभ पंत, संजू सैमसन, ईशान किशन या कोई भी अन्य विकेट कीपर , जो प्रतिभाशाली हो उन्हें मौका दिया जाना चाहिए।"
37 वर्षीय गंभीर ने कहा कि जब तक युवाओं को पर्याप्त मौके नहीं मिलेंगे, वे भारत के लिए उपयुक्त प्रदर्शन के लिए सक्षम नहीं हो सकेंगे। “उसे डेढ़ साल के लिए मौका दें और अगर वह अपेक्षाकृत प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं, तो दूसरे विकल्प को मौका दें। यदि आप आंकड़ें देखते हैं, तो धोनी सर्वश्रेष्ठ कप्तान हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि अन्य कप्तानों ने बुरी कप्तानी की है। सौरव गांगुली ने अच्छी कप्तानी की है, हमने उनकी अगुवाई में बाहर जीत हासिल की है। विराट कोहली की कप्तानी में हमने दक्षिण अफ्रीका में एकदिवसीय श्रृंखला और ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट श्रृंखला जीती है।"
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गम्भीर का मानना है कि जीत का श्रेय सिर्फ कप्तान को देना सही नहीं है। यह सच है कि एम एस धोनी ने हमें दो विश्व कप (2007 और 2011) जितवाये हैं लेकिन सफलता के लिए कप्तान को सारा श्रेय देना उचित नहीं है। वेस्टइंडीज के लिए भारतीय टीम का ऐलान जल्द होना है। ऐसा माना जा रहा है इस सीरीज से धोनी के भविष्य का फैसला हो सकता है।
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