प्रत्येक खिलाड़ी अपनी टीम में जगह को लेकर टीम प्रबंधन का भरोसा चाहता है और श्रेयस अय्यर भी उन्हीं खिलाड़ियों में से एक हैं। अय्यर का मानना है की टीम से बार-बार अंदर बाहर किया जाना किसी भी खिलाड़ी के लिए एक अच्छा उदहारण नहीं प्रस्तुत करता। इसके साथ ही उसके मनोबल पर भी बुरा असर पड़ता है।
24 वर्षीय श्रेयस अय्यर इंडियन प्रीमियर लीग के सबसे युवा कप्तान है, जिन्होंने अपनी कप्तानी में दिल्ली की टीम को 7 साल बाद प्लेऑफ तक पहुंचाया। श्रेयस अय्यर आने वाले वेस्टइंडीज दौरे के लिए तैयारियों में जुटे हुए हैं। अय्यर टीम में वापसी कर रहे हैं और वह चाहते हैं कि इस बार उन्हें खुद को साबित करने के लिए पर्याप्त मौके दिए जाएं। जिससे वह भारतीय टीम में अपनी जगह पक्की कर सकें। श्रेयस ने भारत के लिए अभी तक 6 वनडे और 6 टी-20 मैच खेले हैं।
अय्यर ने कहा, "अगर आप प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं तो निश्चित तौर पर आपको खुद को साबित करने के लिए और परिस्तिथियों में ढलने के लिए कुछ मौको की जरूरत होती है।"
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इसके साथ ही उन्होंने कहा, " अगर आप बार-बार टीम से अंदर- बाहर किये जाते हैं तो यह खिलाड़ी के मनोबल के लिए अच्छा नहीं है और खिलाड़ी खुद की काबिलियत पर संदेह करना शुरू कर देता है।"
श्रेयस अय्यर ने वेस्टइंडीज दौरे के लिए पुल और स्वीप शॉट पर काम किया है। उन्होंने कहा वह अपनी बल्लेबाजी पर काम कर रहे हैं और ऐसे शॉट शामिल करने की कोशिश कर रहे हैं जो उन्हें भारत के बाहर रन बनाने में सहायक साबित हो सकते हैं।
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