ग्लेन मैक्सवेल (Glenn Maxwell) ऑस्ट्रेलियाई टीम (Australia Team) के बड़े नामों में से एक हैं और लम्बे समय से खेल रहे हैं लेकिन टेस्ट क्रिकेट में उनके ऊपर भरोसा नहीं जताया गया। एक समय था जब उन्हें भारत दौरे पर स्पिन गेंदबाज के रूप में लाया गया था। इसके बाद भी वह महज 7 टेस्ट मैचों में खेल पाए हैं। हालांकि मैक्सवेल को उम्मीद है कि वह ऑस्ट्रेलिया की टेस्ट टीम में वापसी कर लेंगे।
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की वेबसाईट के अनुसार मैक्सवेल का कहना है कि इस समर में कोई रेड बॉल मैच मिलना मुश्किल है। मैंने अलग-अलग प्रारूप में स्विच करने से पहले कहा है कि अगर आप अपने देश के लिए अच्छा करते हो तो इस काम के लिए सही व्यक्ति हो सकते हैं। मैं अगले साल उपमहाद्वीप में होने वाले दौरों को लेकर भरोसेमंद हूँ कि वहां मुझे चुने जाने की संभावना हो सकती है।
मैक्सवेल ने आगे कहा कि निश्चित रूप से लाल गेंद के क्रिकेट में घुटने टेक लम्बे समय तक बैटिंग करनी होती है और यह मानसिकता की बात है। मुझे लगता है कि इसके अनुकूल होने के लिए मेरे पास ऐसा गेम है। जब थोड़े उम्रदराज हो जाते हो, तो गेम को बेहतर तरीके से समझने लगते हो। मुझे लगता है कि इस समय मैं अच्छे मोमेंट में हूँ और अपने गेम में आसानी से बदलाव कर सकता हूँ।
हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए वह सीमित ओवर क्रिकेट में कटौती करने के मूड में नहीं हैं खासकर टी20 वर्ल्ड कप कैसे टूर्नामेंट में। उन्होंने कहा कि टी20 टूर्नामेंट में अगर मैं ऑस्ट्रेलिया के लिए अच्छी भूमिका निभाता हूँ, तो हम टूर्नामेंट को जीत सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि ग्लेन मैक्सवेल ने 2013 में टेस्ट करियर की शुरुआत भारत के खिलाफ की थी। उस समय कंगारू टीम भारत आई थी। मैक्सवेल को स्पिन ऑल राउंडर के तौर पर टीम में शामिल किया गया था। हालांकि वह सफल नहीं रहे और बाद में टीम से बाहर कर दिए गए। इस बीच उन्होंने सीमित ओवर क्रिकेट में तूफानी खेल से अपना नाम बनाया।