ऑस्ट्रेलिया (Australia) में पहले टेस्ट मैच में ही प्रभावित करने वाले वॉशिंगटन सुंदर (Washington Sundar) ने अपनी बल्लेबाजी में जिस चीज से मदद मिली, उसका जिक्र किया है। वॉशिंगटन सुंदर का कहना है कि मैं ओपनर के तौर पर खेलते हुए बड़ा हुआ इसलिए नई गेंद के बाद भी मेरे विश्वास में कोई कमी नहीं आई और मुझे इससे काफी मदद मिली।
क्रिकबज को दिए इंटरव्यू में सुंदर ने कहा कि मैं ओपनर के तौर पर खेलते हुए बड़ा हुआ हूँ। इससे मुझे मदद मिली क्योंकि नई गेंद आने के बाद मेरे अन्दर विश्वास बना रहा। मेरा भरोसा और कौशल बना रहा और मैं गेंद को मेरिट के आधार पर खेलना चाहता था। मैं खुश हूँ कि उन परिस्थितियों में रन बनाने में कामयाब रहा।
फिटनेस पर वॉशिंगटन सुंदर ने किया काम
सुंदर ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में खेले गए पहले तीन टेस्ट मैचों के दौरान मैंने अपनी फिटनेस पर काफी काम किया। यह एक शानदार अनुभव रहा। आप ज्यादा खेलते हो, उतना ही ज्यादा पिचों को समझने में आसानी रहती है। उन पिचों पर अभ्यास करना मेरे लिए एक बेहतरीन मौका रहा और एक्सपोजर भी मिला।
उल्लेखनीय है कि ब्रिस्बेन टेस्ट मैच की पहली पारी में वॉशिंगटन सुंदर ने पिच पर टिककर बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया की टीम को बड़ी बढ़त हासिल करने से रोक दिया। उन्होंने अर्धशतक जड़ा और शार्दुल ठाकुर के साथ मिलकर सातवें विकेट के लिए शतकीय भागीदारी निभाई जो मैच में भारतीय टीम के दृष्टिकोण से काफी सहायक रही। ऑस्ट्रेलिया के लिए यह साझेदारी मुकाबले में भारी पड़ी।
गेंदबाजी के दौरान सुंदर ने तीन विकेट हासिल किये थे और इनमें स्टीव स्मिथ जैसे दिग्गज का विकेट भी शामिल रहा। स्टीव स्मिथ को आउट करने के बाद भी इस गेंदबाज ने ख़ुशी जताई। उन्होंने कहा था कि मैं सही जगह गेंद को डालना चाहता था और मैंने वही किया था।