Yuvraj Singh On Joginder Sharma : टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज युवराज सिंह ने 2007 टी2 वर्ल्ड कप से जुड़ा बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि 2007 टी20 वर्ल्ड कप फाइनल में जोगिंदर शर्मा से आखिरी ओवर कराने का फैसला एम एस धोनी का नहीं था, बल्कि इसके पीछे कोई और था। युवराज सिंह के मुताबिक किसी दूसरे खिलाड़ी के कहने पर एम एस धोनी ने जोगिंदर शर्मा से गेंदबाजी करवाई थी और उनका यह फैसला सही साबित हुआ।
दरअसल 2007 टी20 वर्ल्ड कप का फाइनल भारत और पाकिस्तान के बीच खेला गया था। आख़िरी ओवर में जीत के लिए पाकिस्तान को 13 रनों की ज़रूरत थी। भारतीय टीम के पास ज्यादा ऑप्शन नहीं थे और इसी वजह से जोगिंदर शर्मा को गेंदबाजी सौंपी गई। जोगिंदर शर्मा ने पहली गेंद वाइड डाली और अगली गेंद पर मिस्बाह ने लंबा छक्का लगाते हुए पूरे भारत की सांसें रोक दी। अब पाकिस्तान को जीत के लिए सिर्फ 4 गेंद पर 6 रन चाहिए थे लेकिन इसके बाद मिस्बाह उल हक ने स्कूप शॉट खेला और वो सीधा श्रीसंत के हाथ में चला गया। इसके बाद भारत ने वो मुकाबला जीतकर इतिहास रच दिया।
युवराज सिंह ने जोगिंदर शर्मा को लेकर किया था बड़ा खुलासा
एम एस धोनी के इस फैसले की काफी तारीफ हुई थी कि उन्होंने जोगिंदर शर्मा से आखिरी ओवर करवाने का साहसिक फैसला लिया। हालांकि युवराज सिंह ने उस चीज को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने रणबीर अल्लाहबादिया के पोडकास्ट में बातचीत के दौरान बताया था,
जोगिंदर शर्मा से बोल दिया कि लास्ट ओवर में गेंदबाजी करो। पहली गेंद वाइड और दूसरी बॉल छक्का। तीसरी गेंद पर मिस्बाह ने पता नहीं क्यों वो किया और आउट हो गए। लेकिन इसके लिए मिस्बाह उल हक को धन्यवाद। पहले हरभजन सिंह से आखिरी ओवर कराने का फैसला किया। मैं और धोनी हरभजन सिंह पास गए तो उन्होंने कहा कि मिस्बाह उल को मैंने एक ओवर डाला है। मैंने यॉर्कर डालने की कोशिश की लेकिन गिरा नहीं। उसने मुझे तीन छक्के मार दिए। इसलिए तेज गेंदबाज से करवाते हैं। जो मुझे लग रहा है कि वो सही फैसला था। एम एस धोनी को हरभजन सिंह ने वो सलाह दी थी।