दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ केपटाउन टेस्ट में हुए बॉल टेम्परिंग केस में आईसीसी द्वारा स्टीव स्मिथ और कैमरन बैन्क्रोफ्ट को सुनाई गई सजा पर भारतीय खिलाड़ी हरभजन सिंह ने नाराजगी जताई है। भज्जी ने एक ट्वीट करते हुए आईसीसी को कम सजा के लिए आड़े हाथों लिया और अपने ऊपर लगाया गया बैन भी याद दिलाया। टर्बनेटर के नाम से मशहूर इस ऑफ़ स्पिनर ने कहा कि वाह आईसीसी, बैन्क्रोफ्ट के खिलाफ साफ़ तौर पर सबूत मिलने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई और हमने 2001 के दक्षिण अफ़्रीकी दौरे पर अत्यधिक अपील की थी और छह खिलाड़ियों पर बैन लगाया गया था। इसके अलावा भज्जी ने 2008 के सिडनी टेस्ट पर कहा कि वहां मेरे खिलाफ सबूत नहीं होने के बाद भी 3 मैचों का बैन लगाया गया था। अलग लोगों के लिए अलग नियम होते हैं। उल्लेखनीय है कि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीसरे मैच के तीसरे दिन बॉल टेम्परिंग होने के बाद कंगारू कप्तान और खिलाड़ी बैन्क्रोफ्ट ने अपराध स्वीकार किया था। इसके बाद स्मिथ ने कप्तानी भी छोड़ दी। चौथे दिन टिम पेन ने कप्तानी का जिम्मा संभाला। आईसीसी ने स्टीव स्मिथ पर एक मैच का बैन लगाया वहीँ बैन्क्रोफ्ट पर 75 फीसदी मैच फीस और 3 डीमेरिट पॉइंट दिए गए। स्मिथ की पूरी मैच फीस काटी गई। पंजाब से आने वाले भज्जी को आईसीसी का यह रवैया ठीक नहीं लगा इसलिए उन्होंने अपनी भड़ास ट्विटर के जरिये निकालते हुए इस सर्वोच्च संस्था पर भेदभाव करने का आरोप लगाया। ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी किसी न किसी तरह से मैदान में विवाद करते ही रहे हैं। भारत दौरे पर भी स्मिथ ने बेंगलुरु टेस्ट में डीआरएस के लिए ड्रेसिंग रूम की तरह इशारा करके पूछा था। इसके अलावा विराट कोहली के साथ भी वे कई बार उलझते रहे हैं।