Harbhajan Singh's Reaction on BCCI Guidelines: न्यूजीलैंड के हाथों घरेलू सीरीज में 3-0 से शर्मनाक हार झेलने के बाद भारत को ऑस्ट्रेलिया में भी 1-3 से शिकस्त झेलनी पड़ी। यही वजह है कि टीम में अनुशासन लाने और एकजुटता को बढ़ावा देने के लिए बीसीसीआई को 10 नए नियम जारी करने की जरूरत पड़ी है। इसमें खिलाड़ियों के घरेलू क्रिकेट में खेलने से लेकर दौरों पर परिवार के साथ समय बिताने को लेकर बनाए गए कई नियम शामिल हैं। वहीं, भारत के पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह का मानना है कि बीसीसीआई ने ये नियम हाल ही में भारत को न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के हाथों मिली हार से ध्यान भटकाने के लिए जारी किए हैं।
पीटीआई से बातचीत के दौरान हरभजन ने कहा कि इन नियमों के बारे में पढ़ते हुए मुझे इसमें और अपने खेल के दिनों के दौरान रहे नियमों में से कुछ भी अलग नजर नहीं आया। आखिरी बार जब मैंने सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट प्लेयर के तौर पर टीम इंडिया के लिए खेला था, तब भी इसी तरह के नियम थे।
इसी के साथ भज्जी ने बताया कि इस गाइडलाइंस में शामिल 10 में से 9 नियम हमारे समय में भी मौजूद थे। इसमें टूर के दौरान परिवार की मौजूदगी, एक ही होटल में रुकना, प्रैक्टिस सेशन में हिस्सा लेना ये सब शामिल था। मेरा सबसे बड़ा सवाल ये है कि जब हमारे समय में ये सब नियम थे, तो इसे किसने और कब बदला? इसकी जांच होनी चाहिए।
हम इस वजह से हारे, क्योंकि हमें खराब क्रिकेट खेला- हरभजन सिंह
अपनी बात जारी रखते हुए पूर्व स्पिनर ने कहा कि हम लोग मुद्दे से भटक रहे हैं। हम ऑस्ट्रेलिया से इसलिए नहीं हारे क्योंकि पत्नियां और दोस्त दो महीने से वहां पर थे। हम इस वजह से नहीं हारे क्योंकि कई खिलाड़ी टीम की बजाय अलग से यात्रा कर रहे थे। हम इस वजह से हारे थे क्योंकि हमने खराब क्रिकेट खेला था। हमारी टीम में कई ऐसे खिलाड़ी शामिल थे, जो खराब फॉर्म में थे। इन चीजों में सुधार करने के लिए कुछ किया जा रहा है या नहीं?
भज्जी का मानना है कि बीसीसीआई को कुछ मामलों में फिर से गौर करने की जरूरत है, क्योंकि उनका उल्लंघन किया जा रहा था। इस दौरान उन्होंने अपने समय के बारे में बात करते हुए सचिन तेंदुलकर और अनिल कुंबले जैसे दिग्गजों का उदाहरण भी दिया, जो कभी भी टीम से अलग सफर नहीं करते हे। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को इस नियम के बारे में आखिर बताने की जरूरत क्यों पड़ रही है? कोई खिलाड़ी अगर नियम तोड़ रहा है, तो उसके खिलाफ जांच होनी चाहिए।