हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) ने कुछ समय पहले क्रिकेट से संन्यास ले लिया, लेकिन क्रिकेट के बाद की जिंदगी पर भारत (India Cricket team) के महान ऑफ स्पिनर का फैसला लेना बाकी है। फिलहाल तो पूर्व भारतीय क्रिकेटर का राजनीति की पिच पर उतरना मुश्किल है। हरभजन सिंह ने कुछ समय पहले पंजाब के कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू के साथ फोटो खिंचाई थी, जिसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि वो राजनीति में आने वाले हैं।
हरभजन सिंह खेल से जुड़े रहना चाहते हैं और इसलिए वो क्रिकेट कमेंटेटर या फिर कोच या मेंटर की भूमिका में नजर आ सकते हैं। हरभजन सिंह ने एएनआई से बातचीत में कहा, 'मुझे बैठकर सोचना होगा कि आगे क्या करने की जरूरत है। मैं जो कुछ भी हूं वो खेल की बदौलत हूं। मैं खेल के ईर्द-गिर्द रहना पसंद करूंगा।'
उन्होंने आगे कहा, 'खेल के साथ कुछ करना चाहता हूं। यह हमेशा से मेरे मन में है। मैं खेल से जुड़े रहने के लिए कुछ करूंगा। आईपीएल में किसी टीम की मेंटरिंग करूंगा या फिर कमेंट्री करूंगा ताकि खेल से जुड़ा रहूं, लेकिन इस समय मुझे नहीं पता कि राजनीति में उतर रहा हूं या नहीं।'
हरभजन सिंह ने कहा, 'शायद जब सही समय आएगा तो मैं राजनीति पर कोई फैसला ले सकता हूं और देखेंगे कि आगे क्या रास्ता सही रहेगा। इसलिए मुझे राजनीति के बारे में अन्य पक्षों के बारे में पता नहीं है। तो मैं इस पर फैसला करूंगा कि राजनीति की पिच पर आउंगा या नहीं, लेकिन जहां तक भरोसा है, मैं क्रिकेट से जुड़ा रहना पसंद करूंगा। मैं टीम की मेंटरिंग कर सकता हूं या फिर कमेंट्री या फिर क्रिकेट से जुड़े रहने के लिए कुछ भी कर सकता हूं।'
हरभजन सिंह ने अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच यूएई के खिलाफ मार्च 2016 में खेला था। करीब पांच साल तक इंटरनेशनल क्रिकेट से दूर रहने वाले हरभजन को एहसास हो गया था कि टीम इंडिया में उनकी वापसी न के बराबर है।
भज्जी ने कहा, 'हां, वो भावना थी मन में। मैं लंबे समय से इंटरनेशनल क्रिकेट से दूर था। करीब पांच साल तक। तो मेरे मन में था कि संन्यास ले लूं, लेकिन आखिरी फैसला लेने में समय लग गया कि कब आधिकारिक रूप से संन्यास की घोषणा करूं। आखिर में अब मैं संन्यासी क्रिकेटर हूं। मेरे लिए जिस तरह चीजें हुई, उससे काफी खुश हूं।'
परिवार वालों से ली सलाह: हरभजन सिंह
41 साल के हरभजन सिंह ने पारिवारिक सदस्यों और करीबियों से सलाह लेकर आखिरी फैसला लिया और उनका मानना है कि उन्होंने फैसला लेने में देरी कर दी।
हरभजन सिंह ने कहा, 'यह फैसला लेने से पहले मेरे मन में लंबे समय से यह बात चल रही थी। मैंने यह फैसला लिया। मैंने अपनी पत्नी, मां और अपने बचपन के दोस्तों से सलाह ली। उनसे बातचीत करने के बाद उन्होंने कहा कि जो भी आपको सही लगता है, वो करें। मुझे लगा कि समय चला गया है और मुझे 2016/17 में संन्यास ले लेना था। मैंने संन्यास नहीं लिया। इस बार मैंने फैसला लिया कि खेल से संन्यास लेने का सही समय है, जिसने मुझे जिंदगी में सबकुछ दिया।'
हरभजन सिंह ने आगे कहा, 'मैंने बीसीसीआई अध्यक्ष और सचिव जय शाह को फोन करके अपने फैसले के बारे में बताया।' भारतीय ऑफ स्पिनर ने 103 टेस्ट, 236 वनडे और 28 टी20 इंटरनेशनल मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया और कुछ 711 इंटरनेशनल विकेट लिए।