टीम इंडिया (India Cricket team) के ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) ने शुक्रवार को क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा की। 1998 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू करने वाले हरभजन सिंह ने भारत के लिए आखिरी मैच 2016 में खेला था। उन्होंने टेस्ट में 417 विकेट, वनडे में 269 और टी20 इंटरनेशनल में 25 विकेट लिए।
हरभजन सिंह ने भारत के लिए 2007 वर्ल्ड टी20 और 2011 विश्व कप जीता। वह उस भारतीय टीम का हिस्सा रहे, जो आईसीसी रैंकिंग में पहली बार शीर्ष स्थान पर पहुंची थी।
हरभजन सिंह का खिलाड़ी के रूप में कहानी वाला करियर रहा है। उन्होंने कई उपलब्धियां हासिल की और भारत के लिए कई मुकाबले जीते। अपने करियर में ऊंचाइयां हासिल करने वाले हरभजन के करियर में एक ऐसा विवाद शामिल है, जो लोगों को अच्छे से याद नहीं।
भारत के 2007-08 ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान मंकीगेट कांड हुआ था, जिसमें हरभजन सिंह विवाद में फंसे थे। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग ने मैदानी अंपायरों से शिकायत की थी कि हरभजन सिंह ने ऑलराउंडर एंड्रयू साइमंड्स को मंकी कहा। मैदानी अंपायरों ने मैच रेफरी माइक प्रोक्टर को मामला बताया। सुनवाई के बाद हरभजन सिंह नस्लीय अभद्रता के दोषी पाए गए और उन पर तीन मैच का प्रतिबंध लगा।
पूरी घटना ने बड़ा विवाद खड़ा किया और भातरीय टीम प्रबंधन इस फैसले से नाराज था। भारतीय टीम प्रबंधन अपनी बात पर डटा रहा कि हरभजन सिंह ने कोई अभद्र टिप्पणी नहीं की और ऑस्ट्रेलियाईयों ने हिंदी शब्द को गलत तरह समझा।
हरभजन सिंह के खिलाफ नस्लीय आरोप हटा दिए गए क्योंकि जस्टिस जॉन हानसेन को पर्याप्त सबूत नहीं मिले कि हरभजन सिंह ने नस्लीय टिप्पणी की। इसके बजाय उन पर 2.8 अपराध स्तर का जुर्माना लगाया गया, जिसमें नस्लीय भाव से अभद्रता या बेइज्जत नहीं किया गया था। हरभजन सिंह पर मैच फीस का 50 प्रतिशत जुर्माना लगा था।
लोग जल्द ही मेरे हिस्से की सच्चाई जानेंगे: हरभजन सिंह
संन्यास की घोषणा करने के बाद पीटीआई को दिए इंटरव्यू में इस घटना के बारे में कहा कि लोग जल्द ही आगामी आत्मकथा में उनके हिस्से की कहानी जान पाएंगे।
हरभजन सिंह ने कहा, 'पूरे ऐपिसोड में किसी ने मेरे हिस्से की सच्चाई जानने की चिंता नहीं की। उन कुछ सप्ताहों में मैं किस दौर से गुजरा, इसकी किसी ने परवाह नहीं की। मैं कितना मानसिक रूप से डूबा हुआ था। मैंने कभी अपने हिस्से की कहानी नहीं बताई, लेकिन लोगों को अब इस बारे में मेरी आगामी आत्मकथा में पता चलेगा। मैं जिस चीज से गुजरा, ऐसा किसी के साथ नहीं हो।'
बता दें कि भारतीय टीम ने इस घटना के बाद वापसी करते हुए पर्थ टेस्ट जीता, लेकिन वो सीरीज में 1-2 से पीछे रह गई थी। इसके बाद भारतीय टीम ने त्रिकोणीय वनडे सीरीज जीती, जिसमें हरभजन सिंह ने अहम भूमिका निभाई थी।