कुछ खिलाड़ी चुनौतियों को भी चुनौती देते हैं कुछ ऐसे ही अद्भुत खिलाड़ी हैं हार्दिक पांड्या। बेहद प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं। उनकी प्रतिभा और उनकी क्षमता अव्वल दर्जे की है। सबसे बड़ी खूबी जो पांड्या में नजर आती है वह उनका आत्मविश्वास है। वह चुनौतियों से भागते नहीं हैं बल्कि उसे अपने आत्मविश्वास से पार पाते हैं।
भारतीय टीम में पांड्या का विकल्प मौजूद हैं?
इसमे कोई संदेह नहीं है कि पांड्या भारतीय टीम के स्थापित खिलाड़ी हैं। मुंबई के स्टार ऑल राउंडर हार्दिक मैदान में और मैदान के बाहर चर्चा का विषय बने रहते हैं। उन्हें टीवी शो में अभद्र टिप्पणी के कारण कुछ मैचों में प्रतिबंध भी झेलना पड़ा था। उनके विकल्प के तौर पर विजय शंकर को न्यूजीलैंड दौरे में टीम में शामिल किया गया था। शंकर ने बल्ले से अच्छे हाथ दिखाये और अपने प्रदर्शन से सबको प्रभावित किया मगर वह गेंदबाजी में फीके साबित हुए। हार्दिक पांड्या विश्वकप के लिए भारतीय टीम की आवश्यकता हैं। उनके जैसे 'हार्ड एंड क्लीन' हिटर कोई नहीं है। वह फील्डिंग में भी अपना शत प्रतिशत देते हैं। वह जिस स्तर की बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग करते हैं वह प्रशंसनीय और उल्लेखनीय है।सही मायनों में हार्दिक पांड्या सम्पूर्ण ऑलराउंडर हैं उनका भारतीय टीम में कोई विकल्प ही नहीं हैं।
कहाँ से आया बल्लेबाजी में इतना आत्मविश्वास
हार्दिक पांड्या बैटिंग ऑलराउंडर हैं। वह अपनी गेंदबाजी की तुलना में बल्लेबाजी में ज्यादा सफल नजर आते हैं। उनकी बल्लेबाजी में आत्मविश्वास चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में खेली गई 76 रनों की पारी से आया है।
चैंपियन्स ट्रॉफी का फाइनल भारत और पाकिस्तान बीच ओवल के मैदान में खेला गया। पहले बल्लेबाजी करते हुए पाकिस्तान ने 338 रनों का बड़ा लक्ष्य खड़ा किया। जवाब में भारतीय टीम 158 रनों पर सिमट गई।
हार्दिक पांड्या ने इस मैच में छक्कों की हैट्रिक लगाई थी। उन्होंने , शादाब खान के 23वें ओवर में लगातार तीन छक्के जड़ दिए। उन्होंने उस ओवर में 23 रन बटोरे थे। पांड्या ने 43 गेंदों पर 76 रनों की पारी खेली थी। वह दुर्भाग्यपूर्ण ढंग से रन आउट हुए थे।
पांड्या ने एकदिवसीय मैचों में चार गेंदबाजों पर छक्कों की हैट्रिक लगाई है
बल्लेबाजी में छक्का जड़ना एक कला है, और पांड्या अपनी इस कला में पारंगत हैं। हार्दिक पांड्या ने एकदिवसीय मैचों में चार गेंदबाजों पर लगातार तीन छक्के (छक्कों की हैट्रिक) लगाए है। उन्होंने इमाद वसीम, शादाब खान, एडम जैम्पा और टॉड एस्टल पर यह कारनामा किया है।
दशक के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर हो सकते हैं हार्दिक पांड्या
अगर हार्दिक अपनी गेंदबाजी में सुधार और खेल में निरन्तरता रखने में सफल हो पाते हैं तो निश्चित ही वह दशक के श्रेष्ठ ऑल राउंडर बन पाएंगे। वह सर्वश्रेष्ठ नहीं हो सकते क्योंकि 'दुनिया का श्रेष्ठ नियम है कि दुनिया मे कुछ भी सर्वश्रेष्ठ नहीं है।'
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