Harshit Rana International Debut Father Support Story: बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 का आगाज हो चुका है। इस सीरीज के तहत भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मुकाबला खेला पर्थ में खेला जा रहा है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टेस्ट में युवा तेज गेंदबाज हर्षित राणा ने अपना इंटरनेशनल डेब्यू किया। कोच गौतम गंभीर ने युवा खिलाड़ी को ये खास मौका दिया और उन पर इस बड़े मुकाबले में भरोसा जताया है।
हर्षित राणा भारत के लिए 315वें टेस्ट प्लेयर बने। उन्हें दिग्गज स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने टेस्ट कैप सौंपी। केकेआर के इस खिलाड़ी ने आईपीएल में गंभीर को काफी प्रभावित किया और आज वह इंटरनेशनल स्तर पर भी उनकी कोचिंग में जगह बनाने में कामयाब रहे। मगर वह आज जिस मुकाम पर हैं, उस जगह आने के लिए हर्षित राणा ने बहुत मेहनत की है। उन्हें अपने परिवार का भी पूरा सहयोग मिला है और खासतौर से उनके पिता का। आज आपको हर्षित राणा की क्रिकेट
जर्नी के बारे में बताएंगे।
बचपन से ही क्रिकेट में थी रुचि
हर्षित राणा का जन्म 22 दिसंबर 2001 को नई दिल्ली में हुआ था। हर्षित राणा के पिता का नाम प्रदीप राणा है और उनकी मां हाउस वाइफ हैं। हालांकि, उन्होंने अपने पारिवार की जानकारी काफी सीमित रखी है। हर्षित राणा को बचपन से ही क्रिकेट में रुचि थी और वह दोस्तों के साथ गलियों में क्रिकेट खेला करते थे। हर्षित राणा ने अपनी शुरुआती पढ़ाई दिल्ली के गंगा इंटरनेशनल स्कूल में प्राप्त की। हालांकि, उन्हें बचपन से ही क्रिकेट खेलना काफी पसंद था, इसलिए उन्होंने पढ़ाई से ज्यादा खेलने पर ध्यान दिया।
पिता के साथ करते थे ट्रेनिंग
हर्षित राणा को बचपन से ही क्रिकेट खेलने का शौक था। उन्होंने अपने स्कूल टाइम से ही अपने स्कूल में क्रिकेट की ट्रेनिंग लेना शुरू कर दिया था। अपने क्रिकेट के सपने को पूरा करने के लिए वह सुबह उठकर क्रिकेट की प्रैक्टिस करते थे और दिन में स्कूल जाते थे। स्कूल से आने के बाद वह शाम को अपने पिता के साथ फिर से ट्रेनिंग करते थे। बाद में, उन्होंने शाहदरा में रोहतक रोड जिमखाना और नई दिल्ली में रॉयल स्पोर्ट्स अकादमी, घेवरा में ट्रेनिंग ली थी।
चोट से खतरे में पड़ा करियर...
एक वक्त ऐसा आया था जब उनकी पीठ के निचले हिस्से में चोट लगी थी, जिसके कारण वह दिल्ली अंडर-14 और दिल्ली अंडर-16 टीमों के लिए खेलने से चूक गए। 2020-21 सीजन में उन्हें स्ट्रेस फ्रैक्चर हुआ था, जिसके कारण उन्हें 6 महीने तक खेल से दूर रहना पड़ा। यह वो इश्यू था जिससे जोफ्रा आर्चर और जसप्रीत बुमराह हाल ही में गुजरे थे। उस दौरान हर्षित के पिता ने उनका बहुत साथ दिया था।
एक समय ऐसा था जब लग रहा था कि बतौर तेज गेंदबाज जहां कमर या पीठ का काफी योगदान होता है वह कैसे वापसी कर पाएंगे। हालांकि चोट से उबरने के बाद हर्षित राणा ने बखूबी वापसी की। राणा दिल्ली अंडर-19 टीम के लिए खेले। फिर आईपीएल में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया और इंडिया-ए व रणजी में भी अपनी टीम के लिए कमाल किया। उसी का फल है कि आज के बाद वह भारतीय क्रिकेटर कहलाएंगे।