5 Youngest debutants against Australia in Perth in Tests: ऑस्ट्रेलिया में पर्थ में बल्लेबाजों के लिए काफी मुश्किल आती है, जबकि तेज गेंदबाजों की मौज रहती है। पर्थ में अब दो स्टेडियम है। पहले वाका स्टेडियम में मैच होते थे लेकिन अब ऑप्टस स्टेडियम भी मेजबानी करता है। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मैच पर्थ के नए स्टेडियम में ही खेला जा रहा है। इस मैच में भारतीय टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया है और इसमें दो खिलाड़ियों को डेब्यू का मौका भी दिया है। टीम इंडिया की तरफ से नितीश रेड्डी और हर्षित राणा ने अपने टेस्ट करियर की शुरुआत करने में सफलता हासिल की।
नितीश ने अपने डेब्यू के साथ ही उन खिलाड़ियों की लिस्ट में जगह बना ली, जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ में सबसे कम उम्र में अपना टेस्ट पदार्पण किया। वह ऐसे करने वाले पांचवें सबसे युवा प्लेयर बने। इस आर्टिकल में हम पांचों ही खिलाड़ी का जिक्र करने जा रहे हैं।
5. नितीश रेड्डी
आंध्र प्रदेश के नितीश रेड्डी को पर्थ में अपने टेस्ट डेब्यू का मौका मिला। उन्होंने इसी साल भारत के लिए अपना टी20 डेब्यू भी किया था और अब वह रेड बॉल क्रिकेट में अपनी चमक बिखेरेंगे। नितीश ने 21 साल 180 दिन की उम्र में अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ में डेब्यू करने वाले पांचवें सबसे युवा खिलाड़ी बने।
4. एलेक्स टुडर
इंग्लैंड के पूर्व तेज गेंदबाज एलेक्स टुडर इस लिस्ट में चौथे स्थान पर हैं। उन्होंने 1998 में अपना टेस्ट डेब्यू पर्थ में ही ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ किया था। तब उनकी उम्र 21 साल 36 दिन थी।
3. ग्रैहम डिल्ली
इंग्लैंड के ग्रैहम डिल्ली का नाम तीसरे स्थान पर है। डिल्ली ने 1979 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ में अपना टेस्ट डेब्यू किया था। उस समय उनकी उम्र 20 साल 210 दिन थी।
2. रिजवान-उज-जमान
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ में सबसे कम उम्र में टेस्ट डेब्यू करने वाले खिलाड़ियों की लिस्ट में दूसरे स्थान पर पाकिस्तान के पूर्व बल्लेबाज रिजवान-उज-जमान मौजूद हैं। रिजवान ने 1981 में टेस्ट डेब्यू किया था और तब उनकी उम्र 20 साल 70 दिन थी।
1. क्रिस केर्न्स
न्यूजीलैंड के पूर्व ऑलराउंडर क्रिस केर्न्स ने अपने टेस्ट करियर की शुरुआत 1989 में की थी और तब उनकी उम्र 19 साल 164 दिन थी। इस तरह वह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ में सबसे कम उम्र में टेस्ट डेब्यू करने वाले खिलाड़ी बन गए थे और उनका रिकॉर्ड अभी भी कायम है।