दक्षिण अफ्रीका (South Africa) के खिलाड़ी हेनरिक क्लासेन कोरोना संक्रमित हुए थे जिसका असर उनके ऊपर काफी पड़ा है। युवाओं पर कोरोना का असर ज्यादा नहीं होता, इस बात को क्लासेन ने नकार दिया है। हेनरिक क्लासेन (Heinrich Klaasen) का कहना है कि कोरोना के दौरान मेरी स्थिति खराब थी और मैं कुछ कर नहीं पा रहा था। लाहौर में एक प्रेस वार्ता के दौरान क्लासेन ने पूरी स्थिति का खुलासा किया।
क्लासेन ने कहा कि ये दो महीने काफी मुश्किल रहे। पहले 16 या 17 दिन मैं वास्तव में बहुत कुछ नहीं कर सकता था। मैं बहुत बीमार था। समस्या यहाँ तक आई कि मैं व्यायाम शुरू नहीं कर सका। या मैं फिर से व्यायाम शुरू कर सकता था, लेकिन मैं 20 या 30 मीटर नहीं भाग सकता था, या दो या तीन मिनट के लिए दिल की धड़कन तेज हुए बिना मैं कुछ भी नहीं कर सकता था।
हेनरिक क्लासेन का पूरा बयान
उन्होंने कहा कि ऐसे प्रोटोकॉल हैं जो आपके कार्यभार को फिर से बनाने में सक्षम होने सहायक होते हैं और उनका अनुसरण करना होता लेकिन मैं नहीं कर पाया। यह एक बहुत ही सरल कार्यक्रम है जहाँ आप प्रतिदिन 10 या 15 मिनट व्यायाम करते हैं, 200 मीटर पैदल चलना आदि चीजें इसमें आती है। मुझे अपने दिल की गति को नियंत्रण में लाने के लिए एक लंबा समय लगा ताकि मैं उस खतरनाक चरण को पार किए बिना कम से कम थोड़ा व्यायाम तो कर सकूं। दो महीने के लिए घर पर बैठना मानसिक रूप से बहुत मुश्किल था। मैं कुछ नहीं कर सकता था।
क्लासेन उस दक्षिण अफ़्रीकी टीम का सदस्य थे जो इंग्लैंड के खिलाफ सीमित ओवर सीरीज खेलने वाली थी। बायो बबल में होने के बाद भी वह संक्रमित पाए गए। इंग्लैंड की टीम सीरीज बीच में छोड़कर चली गई थी। पाकिस्तान के खिलाफ सीमित ओवर सीरीज के लिए क्लासेन वहां हैं।