महान लेग स्पिनर ऑस्ट्रेलिया के शेन वॉर्न (Shane Warne) अब इस दुनिया में नहीं रहे हैं। पूर्व दिग्गज स्पिन गेंदबाज शेन वॉर्न ने पिछले ही दिनों दिल का दौरा पड़ने से इस दुनिया को अलविदा कह दिया। शेन वॉर्न का केवल 52 साल की उम्र में अचानक ही हार्ट अटैक से थाईलैंड में अपने विला पर ही निधन हो गया।वॉर्न के निधन के बाद से ही क्रिकेट जगत स्तब्ध है, जिन्हें स्पिन के इस जादूगर के जाने का अभी भी यकीन नहीं हो रहा है। विश्व क्रिकेट में लेग स्पिन गेंदबाजी से एक खास और अलग पहचान बनाने वाले वॉर्न हमेशा ही फैंस के दिलों में जिंदा रहेंगे।
यह दिग्गज इंटरनेशल क्रिकेट के सबसे लेग स्पिन गेंदबाज बने, जिन्होंने लेग स्पिन गेंदबाजी में एक अलग ही रूप दिखाया है। उनकी सफलता के बारे में सभी को पता है लेकिन बहुत से कम ही लोगों को पता होगा कि उनके साथ बचपन में हुआ एक एक्सीडेंट, कैसे इस लेग स्पिनर के लिए मददगार साबित हुआ।
वॉर्न ने खुद एक बार एक इंटरव्यू के दौरान इस बात का खुलासा किया था, कि बचपन में उनके पैर टूट जाने के बाद उन्हें हाथों से जोर देकर चलना होता था, इससे उन्हें लेग स्पिन में मदद मिली।
प्राइम अमेजन डॉक्यूमेन्ट्री ‘शेन’ में इस दिग्गज ने कहा था,
मुझे याद है। मुझे लगता है कि मैं उस समय 6 या 7 साल का था, मैं वास्तव में छोटा था। मुझे लगता है कि मैं किंडरगार्टन में उन कंक्रीट सिलेंडर जैसी चीजों से गुजर रहा था और मुझे याद है (उसमें) कोई मेरी पीठ पर कूदा और मैंने अपने दोनों पैर तुड़वा लिए।
इसलिए मेरे डैड ने मुझे एक ट्रॉली बना कर दी और मेरे टखनों में प्लास्टर लग गया और इसके बाद मुझे अपने हाथों का इस्तेमाल छह महीने या फिर इससे ज्यादा समय तक चलने के लिए करना पड़ा क्योंकि मैं चल नहीं सकता था। मेरे हाथ और कलाई बड़ी थी, इसलिए मुझे लगता है कि इससे मुझे कम उम्र में उन कलाइयों को मजबूत करने में मदद मिली क्योंकि लेग स्पिन गेंदबाजी में आप अपनी कलाई का इस्तेमाल हर चीज में करते हैं। तो मुझे लगता है कि इसने एक बड़ी भूमिका निभाई।
अपने इंटरनेशनल करियर में झटके 1001 विकेट
शेन वॉर्न क्रिकेट जगत के महान लेग स्पिन गेंदबाज हुए। वॉर्न ने साल 1992 में अपने इंटरनेशल करियर का डेब्यू किया था। उन्होंने अपने करियर में 145 टेस्ट मैचों में 708 विकेट अपने नाम किए। वहीं 194 वनडे मैचों में 293 विकेट दर्ज किए।