श्रीलंका के खिलाफ सीरीज में कप्तानी कर रहे रोहित शर्मा ने दूसरे टी20 मुकाबले में शानदार शतक लगाया। उन्होंने 35 गेंदों पर ताबड़तोड़ शतक लगाकर टी20 में सबसे तेज शतक लगाने के विश्व रिकॉर्ड की बराबरी की। उनकी इस पारी की बदौलत भारतीय टीम ने 20 ओवरों में 260 रनों का पहाड़ जैसा स्कोर खड़ा किया और श्रीलंका की टीम को हराया। रोहित शर्मा ने अपनी इस पारी के दौरान 10 छक्के और 12 चौके लगाये। वहीं जब उनसे पूछा गया कि इतने बड़े-बड़े स्कोर इतनी तेजी से वो कैसे बना लेते हैं तो उन्होंने कहा कि वो फील्ड के मुताबिक खेलते हैं। उन्होंने कहा कि मेरे पास ज्यादा ताकत नहीं है, इसलिए मैं टाइमिंग पर ध्यान देता हूं। मुझे पता है कि मेरी कमजोरी क्या है और मजबूत पक्ष क्या है। इसीलिए मैं जितना ज्यादा हो सके फील्ड के मुताबिक ही खेलने पर ध्यान देता हूं। वहीं जब उनसे पूछा गया कि लंबे-लंबे शॉट लगाने के लिए क्या उन्होंने अपनी तकनीक में कोई बदलाव किया है तो उन्होंने कहा कि 6 ओवर के बाद फील्ड फैला दी जाती है, इसलिए मैं उस तरफ शॉट लगाने की कोशिश करता हूं जिधर मुझे बाउंड्री मिल सके। फील्ड के हिसाब से खेलना काफी अहम होता है। उन्होंने कहा कि मैं मैदान के हर कोने में शॉट लगाना चाहता हूं केवल एक इलाके में नहीं। विरोधी टीम आपके लिए जो फील्ड लगाती है उसको तितर-बितर करना काफी जरुरी होता है। रोहित ने कहा कि सभी प्रारुपो में मैं ऐसा करने की कोशिश करता हूं, क्योंकि आप केवल एक इलाके में खेलकर रन नहीं बना सकते हैं। तब आपको गेंदबाज अच्छे से पढ़ लेगा और रन बनाना मुश्किल होगा। मैदान के चारों तरफ शॉट लगाना काफी अहम होता है और यही मेरी मजबूती है। रोहित शर्मादूसरे टी20 मैच में जिस तरह से शॉट लगा रहे थे उसे देखकर यही लग रहा था कि वो टी20 क्रिकेट में भी 200 रन बनाने का कारनामा कर देंगे। इस बार में जब उनसे सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैं 200 रन बनाने के बारे में नहीं, केवल रन बनाने के बारे में सोच रहा था। मैं किसी खास लक्ष्य के बारे में नहीं सोच रहा था। किसी भी प्रारुप में मैं किसी खास टार्गेट तक पहुंचने की कोशिश नहीं करता हूं। मेरा काम है वहां जाकर जितना ज्यादा हो सके उतना रन बनाना। फिर चाहे वो 100 रन हो, 200 रन हो या फिर 300 रन। मैं मैदान पर इसलिए जाता हूं ताकि अपनी टीम को एक अच्छी स्थिति में पहुंचा सकूं। रोहित ने आगे कहा कि कभी आपके रन बनते हैं और कभी नहीं बनते हैं। ये सभी खेल का एक हिस्सा हैं और मैं कभी ये सोचकर क्रीज पर नहीं गया कि आज मैं 100 रन बनाउंगा या 200 रन बनाउंगा। मैं केवल अपना बेस्ट देना चाहता हूं जिससे टीम को जीत मिले। वहीं विराट कोहली की गैरमौजूदगी में कप्तानी कर रहे रोहित शर्मा ने ये भी बताया कि भारतीय टीम की कप्तानी करना कितना मुश्किल काम है। उन्होंने कहा कि हमारे ऊपर काफी दबाव होता है और धर्मशाला वनडे के बाद ये दबाव और ज्यादा बढ़ गया था। उस मैच में एक समय हम अपने न्यूनतम स्कोर पर आउट होने की स्थिति में थे। भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तानी करना कतई आसान काम नहीं है। हम 140 करोड़ लोगों की उम्मीदों का बोझ अपने ऊपर लिए रहते हैं और इस वजह से हम पर काफी दबाव होता है। उन्होंने कहा कि मैं पहली बार भारतीय टीम की कप्तानी कर रहा हूं। इसलिए मेरे ऊपर दबाव था और आगे भी दबाव रहेगा जब मुंबई में हम तीसरा टी20 मैच खेलेंगे। मुझे नहीं पता कि अगली बार कब मैं कप्तानी करुंगा इसलिए हर एक पल का मैं लुत्फ उठा रहा हूं।