साल 2003 में भारतीय टीम (Indian Team)पाकिस्तान के मुल्तान में टेस्ट मैच खेल रही थी और भारतीय पारी के दौरान सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) का दोहरा शतक पूरा होने से पहले ही पारी घोषित की गई थी। बाद में इस निर्णय पर बवाल ही हुआ था। इसको लेकर पूर्व भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह (Yuvraj Singh) ने अब बयान दिया है। युवी ने कहा कि सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) का दोहरा शतक होने के बाद पारी घोषित की जा सकती थी।
स्पोर्ट्स 18 से बातचीत करते हुए युवराज सिंह ने कहा कि हमें बीच में एक संदेश मिला कि हमें तेज खेलना है और हम पारी घोषित करने जा रहे हैं। वह वो छह रन दूसरे ओवर में हासिल कर सकते थे और हम उसके बाद 8-10 ओवर गेंदबाजी कर सकते थे। मुझे नहीं लगता कि एक और दो ओवर से टेस्ट मैच पर कोई फर्क पड़ता। अगर यह तीसरा और चौथा दिन हो तब टीम को पहले रखते हुए आप 150 रन के निजी स्कोर पर भी पारी घोषित कर सकते हो। ओपिनियन में अंतर होता है। मुझे लगता है कि टीम उनके (सचिन के) 200 रनों के बाद पारी घोषित कर सकती थी।
गौरतलब है कि सचिन तेंदुलकर उस समय 194 रन बनाकर खेल रहे थे। राहुल द्रविड़ टीम की कप्तानी कर रहे थे। उन्होंने पारी घोषित करने का इशारा कर दिया। सचिन अपना दोहरा शतक बनाने से चूक गए। हालांकि द्रविड़ के इस निर्णय पर बाद में काफी सवाल खड़े हुए। अब तक उस घटना को लेकर बयानबाजी होती रहती है।
खास बात यह भी है कि भारतीय टेस्ट इतिहास का पहला तिहरा शतक भी उसी मैच में लगा था। वीरेंदर सहवाग ने तिहरा शतक जमाया था। सहवाग ने इस मैच में पहली पारी के दौरान 309 रन बनाए थे। उन्होंने पाकिस्तानी गेंदबाजों की जमकर धुनाई की थी।