भारतीय टीम (Indian Cricket Team) के दिग्गज ऑफ स्पिन गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन ने एक बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा है कि बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आखिरी टेस्ट मैच के बाद वो संन्यास लेना चाहते थे। अश्विन के मुताबिक वो अपनी इंजरी से परेशान हो चुके थे और इसी वजह से उनके मन में संन्यास लेने का ख्याल आया था।
अश्विन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज के दौरान जबरदस्त प्रदर्शन किया था। उन्होंने कुल मिलाकर 25 विकेट लिए थे और संयुक्त रूप से प्लेयर ऑफ द मैच चुने गए थे। हालांकि अश्विन ने खुलासा किया है कि उस वक्त वो अपने घुटने की इंजरी से भी परेशान थे।
मैं घुटने की समस्या से जूझ रहा था - अश्विन
रविचंद्रन अश्विन के मुताबिक बांग्लादेश टूर के बाद वो संन्यास लेने का मन बना चुके थे। उन्होंने बताया,
मैं बांग्लादेश टूर से आया और अपनी पत्नी को बताया कि फरवरी में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बाद मैं संन्यास ले सकता हूं। मैं घुटने की समस्या से जूझ रहा था और अपना एक्शन चेंज करना चाहता था। हर एक गेंद के बाद मुझे दर्द होता था और सूजन भी आ गई थी। शुरूआत के सालों में जिस एक्शन के साथ मैं गेंदबाजी करता था, उसमें बदलाव किया। मैं बेंगलुरू किया और इंजेक्शन लिया। धीरे-धीरे मेरा दर्द चला गया।
आपको बता दें कि रविचंद्रन अश्विन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में खुद को प्लेइंग इलेवन से बाहर किए जाने को लेकर भी बड़ी प्रतिक्रिया दी है। आर अश्विन ने कहा है कि उन्हें पहले से ही पता था कि वो इस अहम फाइनल मैच में नहीं खेलने वाले हैं। उन्होंने कहा कि जब हम पिछली बार इंग्लैंड टूर पर आए थे तो वो सीरीज 2-2 से ड्रॉ रही थी और टीम को लगा कि चार पेसर्स और एक स्पिनर का कॉम्बिनेशन यहां पर सही रहेगा। स्पिनर्स के साथ दिक्कत ये होती है कि चौथी पारी में ही उन्हें ज्यादा फायदा मिलता है