"सचिन तेंदुलकर के संन्यास के समय मैं रो रहा था"

 सचिन तेंदुलकर
सचिन तेंदुलकर

सचिन तेंदुलकर विश्व क्रिकेट में किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। चौबीस साल के लम्बे करियर के बाद सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट को 2013 में अलविदा कहा था। वेस्टइंडीज के खिलाफ सचिन तेंदुलकर ने अपनी अंतिम टेस्ट पारी में 74 रन बनाए थे। सचिन तेंदुलकर ने मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में संन्यास लिया था। संन्यास के समय सचिन तेंदुलकर ने एक भावुक स्पीच दी थी उसे लेकर वेस्टइंडीज के खिलाड़ी कर्क एडवर्ड्स ने खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि सचिन तेंदुलकर का वह भाषण सुनकर मैं रोने लगा था, क्रिस गेल भी उस समय मेरे साथ थे।

एडवर्ड्स ने क्रिकट्रेकर के साथ इन्स्टाग्राम लाइव पर बातचीत करते हुए कहा कि सचिन के 200वें टेस्ट मैच के मौके पर मैं था। मैंने चश्मा पहना हुआ था और क्रिस गेल साथ में थे। हम दोनों रो रहे थे, दोनों ने फैसला किया था कि हम नहीं रोएंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सचिन की स्पीच के समत का वह पल काफी भावुक था।

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सचिन तेंदुलकर करते हैं मदद

वेस्टइंडीज के खिलाड़ी एडवर्ड्स ने कहा कि सचिन तेंदुलकर मुश्किल समय में खिलाड़ी की मदद करते हैं। उन्होंने मुझे एक बार इंग्लैंड दौरे पर मैसेज भेजा था कि बड़े से बड़ा खिलाड़ी भी कठिन दौर से गुजरता है, यह बड़ी बात नहीं है। तुम बस अपने खेल पर ध्यक दो और खेलते रहो।

 सचिन तेंदुलकर
सचिन तेंदुलकर

गौरतलब है कि सचिन तेंदुलकर के संन्यास वाला मैच यादगार है। उस मैच में भारत ने विंडीज को एक पारी और 126 रन से हराया था। सचिन तेंदुलकर ने पहली पारी में बल्लेबाजी करते हुए 74 रन की यादगार पारी खेली थी। सभी उनसे एक शतक की उम्मीद कर रहे थे लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। मैच के बाद उन्होंने अपने करियर के सफर पर एक स्पीच दी थी जो काफी भावुक थी। स्टेडियम में दर्शक उनकी हर एक बार सुनकर रो पड़े थे।

सचिन तेंदुलकर युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा देने के अलावा उन्हें आगे आने में मदद करते हैं। अंडर 19 के खिलाड़ी यशस्वी जायसवाल को उन्होंने घर पर बुलाकर बैट दिया था। क्रिकेट के ज्ञान को सचिन हमेशा बांटने का प्रयास करते हैं।

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