ईस्टर उत्सव के दौरान श्रीलंका में हुए सिलसिलेवार आठ आत्मघाती हमलों ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। इस हमले में 320 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 500 से ज्यादा लोग घायल हैं। अब भी मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। हर कोई इस आतंकी घटना की निंदा कर रहा है। इस बीच श्रीलंकाई क्रिकेट खिलाड़ी दासुन शनाका का परिवार भी हमले में बाल-बाल बचा है। उन्होंने कहा कि वह इस सदमे से अब तक उबर नहीं पा रहे हैं।
एक दशक पहले श्रीलंका में गृहयुद्ध खत्म होने के बाद यह अब तक वहां का सबसे बड़ा हमला बन गया है। शनाका ने कहा, " मैं इस हमले से इतना डर गया हूं कि मुझे बाहर निकलने में भी डर लग रहा है। आमतौर पर मैं इस उत्सव के मौके पर चर्च जरूर जाता हूं लेकिन उस दिन थका होने की वजह से नहीं जा सका।"
यह हरफनमौला खिलाड़ी एक दिन पहले ही लंबी यात्रा से वापस आया था इसलिए अपने गृहनगर नेगोम्बो स्थित सेंट सेबास्टियन गिरिजाघर में प्रार्थना के लिए नहीं जा पाया था। उन्होंने कहा कि ऊपरवाले का दया से हमले में मेरा परिवार बाल-बाल बच गया। मेरी मां ठीक हैं पर दादी को सर्जरी से गुजरना पड़ रहा है।
शनाका ने कहा, "उस सुबह मैं अपने घर पर ही था। मैंने धमाकों की आवाज सुनी थी। बाहर आया तो लोग कह रहे थे कि बम धमाका हुआ है। मैं तेजी से चर्च की तरफ भागा और मौके पर पहुंचा। मैं जब चर्च पहुंचा तो वहां का नजारा देखकर मेरे होश उड़ गए। मैं उस दृश्य को कभी भूल नहीं सकता हूं। चर्च पूरी तरह से उजड़ चुका था। सब कुछ बिखरा हुआ पड़ा था। वहां मौजूद भीड़ लोगों के शवों को बाहर की ओर खींच रही थी। देखकर लग रहा था कि उस धमाके में कोई नहीं बचा होगा। यहां तक की धमाके से फैले मलबे से कई लोग घायल भी हो गए थे।"
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