लॉर्ड्स में भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गए टेस्ट मैच (ENG vs IND) में भारतीय टीम ने मेजबान टीम पर अपना दबदबा बनाते हुए जीत दर्ज की और इस सीरीज को दिलचस्प बना दिया है। मेजबान टीम मैच के आखिरी दिन पूरी तरह से मैच से बाहर दिखी और इसी सबसे प्रमुख वजह जो रुट (Joe Root) की कप्तानी रही। रुट की कप्तानी की चारों तरफ आलोचना हो रही है और ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान इयान चैपल ने भी रुट को बड़ी टीमों के खिलाफ कप्तानी करने के लायक नहीं बताया। लॉर्ड्स टेस्ट के पांचवें दिन शमी और बुमराह की जोड़ी ने आसानी से मैदान के चारों तरफ शॉट खेले और नौवें विकेट के लिए 89 रन जोड़कर इंग्लैंड के मैच जीतने के मौके को पूरी तरह से खत्म कर दिया।
चौथे दिन तक इंग्लैंड मैच पर अपनी पकड़ बनाये हुए था और पांचवे दिन भी ऋषभ पंत का विकेट जल्दी निकालकर इंग्लैंड ने अच्छा काम किया था लेकिन यहां से रुट ने आक्रामक कप्तानी के बजाय रक्षात्मक रवैया अपना और लगातार बाउंसर गेंदे डालने की रणनीति अपनाई, जो पूरी तरह से फ्लॉप साबित हुयी
वाइड वर्ल्ड ऑफ स्पोर्ट्स से बात करते हुए, इयान चैपल ने साल के अंत में खेली जाने वाली एशेज सीरीज में जो रुट की कप्तान के तौर पर काबिलियत पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा,
"वह पूरी तरह से खो गए थे। उनकी मुख्य समस्या है कि उनके पास स्थिति को समझने का अहसास नहीं है। इंग्लैंड ने खुद को पहले ही एक कोने में धकेल दिया क्योंकि बहुत पहले ही किसी को समझ जाना चाहिए था कि जो रुट सही व्यक्ति नहीं हैं, खासकर बेहतर टीमों के खिलाफ। आप क्या करने जा रहे हैं? एशेज सीरीज से पहले शाम को आप कप्तान बदलेंगे, जो कि एक अच्छा विचार नहीं है। लेकिन कप्तान के रूप में आप उनको चुनकर आप खुद को जीतने के बहुत कम मौके दे रहे हैं।"
रुट ने लॉर्ड्स टेस्ट में अपनी रणनीतियों के असफल होने की बात स्वीकारी
इंग्लैंड के कप्तान जो रुट ने मैच के बाद माना कि उन्होंने अपनी योजनाओं को लेकर गलतियां की और इसी वजह से मैच जीतने की स्थिति से वह हार की स्थिति में पहुंच गए। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि हमने इसे अच्छी तरह से निपटाया। इसने हमें मुश्किल स्थिति में डाल दिया। कप्तान के रूप में मेरे कंधों बड़ी जिम्मेदारी थी। हम उस स्थिति से पीछे चले गए, जहां हम जीत सकते थे।